इंडिया में क्रिकेट को धर्म की तरह माना जाता है। यहां क्रिकेटप्रेमी अपने चहेते क्रिकेटर को भगवान की तरह मानता है। कई बार मैच के दौरान या पवेलियन में ऐसी घटना घट जाती है, जिससे फैंस खुश या रोमांचित हो जाते हैं। मगर कभी-कभी ऐसे लम्हें भी आते हैं, जब अपने चहेते क्रिकेटर की वजह से फैंस की आंखें भी नम हो जाती हैं। भारतीय क्रिकेट इतिहास में भी ऐसी कई घटनाएं घटी हैं, जब बड़े खिलाड़ियों ने अपनी बातों से फैंस को भावुक कर दिया। आइये आपको ऐसी ही पांच घटनाओं के बारे में बताते हैं, जब भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गजों की बातों से फैंस की आंखें नम हो गईं।
राहुल द्रविड़- आईपीएल 2013 में स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल के बाद
राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट टीम के महान खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। उन्होंने क्रिकेट करियर के दौरान अपनी भावनाओं को ज्यादा जाहिर नहीं किया। मगर जब इंडियन प्रीमियर लीग-2013 के दौरान स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल का खुलासा हुआ, इसमें राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप लगे, तब राहुल द्रविड़ अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए और खुलकर सामने आए। राहुल द्रविड़ ने कहा, “मैं झूठ नहीं बोलूंगा, यह हमारे लिए एक कठिन दौर था। यह टीम के लिए एक झटके के समान था, कुछ ऐसा था जिसका मैंने कभी अनुभव नहीं किया था। यह किसी तरह से मारे जाने की तरह है।” द्रविड़ की इन बातों ने ज्यादातर लोगों की आंखें नम कर दीं।
सचिन तेंदुलकर- ब्रायन लारा के सर्वाधिक टेस्ट रन का रिकॉर्ड तोड़ने के बाद
सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। अपने क्रिकेट करियर के दौरान उन्होंने कई रिकॉर्ड ध्वस्त किए और कई कीर्तिमान बनाए। सचिन से पहले टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी ब्रायन लारा के नाम दर्ज था। 17 अक्टूबर 2008 को सचिन तेंदुलकर ने ब्रायन लारा रिकॉर्ड तोड़ दिया। मोहाली के मैदान पर दोपहर में सचिन टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक रनों के मामले में ब्रायन लारा से आगे निकल गए। दिन के खेल की समाप्ति के बाद सचिन से उनकी इस उपलब्धि पर टिप्पणी करने को कहा गया। इस पर उन्होंने कहा, “लोग आप पर पत्थर फेंकते हैं और आप उन्हें मील के पत्थर में परिवर्तित करते हैं।” सचिन की यह बात सुनकर ज्यादात फैंस अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाए।
महेंद्र सिंह धोनी- टेस्ट से संन्यास के दिन
महेंद्र सिंह धोनी ने अपनी कप्तानी के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 30 दिसंबर 2014 को धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया। धोनी के इस फैसले ने क्रिकेटप्रेमियों को हैरान करने के साथ ही भावुक भी कर दिया। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में धोनी ने कई सवालों के खुलकर जवाब दिए। मगर जब उनसे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच निचले क्रम की बल्लेबाजी में अंतर के बारे में पूछा गया, तो उनके जवाब से धोनी के फैंस की आंखें नम हो गईं। धोनी ने कहा, “अब तो पेटा (पशु अधिकार संगठन) भी कह चुका है कि आप पूंछ को समाप्त नहीं कर सकते हैं।”
एमएस धोनी- 2011 के विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका से हारने के बाद
साल 2011 के विश्व कप में टीम इंडिया की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में थी। इस मुकाबले में भारतीय टीम ने भले ही खिलाब अपने नाम कर लिया, लेकिन शुरुआती मैच में भारत को दक्षिण अफ्रीका के हाथों हार का सामना भी करना पड़ा था। मैच के बाद के प्रेजेंटेशन में एमएस धोनी ने कहा, “अहम ये है कि आप भीड़ के लिए नहीं खेलते, बल्कि अपने देश के लिए खेलते हैं।” धोनी की इस बात से ज्यादातर फैंस अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए।
विराट कोहली- विश्व कप जीतने के बाद सचिन तेंदुलकर पर
भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2011 में विश्व कप अपने नाम कर लिया था। भारत की विश्व कप जीता को सचिन तेंदुलकर के लिए आखिरी सम्मान के तौर पर देखा गया। विश्व कप जीतने के बाद कई खिलाड़ियों ने इस बात का उल्लेख किया कि सचिन तेंदुलकर के लिए यह काफी भावुक यात्रा थी और उन्होंने सचिन के लिए इस खिताब को जीता है। मगर विराट कोहली ने सबसे अलग बात कही। उन्होंने कहा “तेंदुलकर ने 21 सालों तक देश का भार उठाया है, अब ये वक्त था कि हम उन्हें उठाएं।” विराट की इस बात ने लाखों-करोड़ों प्रशंसकों को भावुक कर दिया था…Next
Read More:
5 भारतीय क्रिकेटर, जो सिर्फ एक ODI खेलने के बाद नहीं कर पाए टीम में वापसीकभी चॉल में एक गंदे कमरे में रहते थे अनुपम, किरण के लिए पहली पत्नी को दिया तलाककौन हैं भीमराव अंबेडकर, जिन्हें राज्यसभा भेज रही हैं मायावती
Read Comments