हर क्रिकेटर का सपना होता है कि वह अपने देश की राष्ट्रीय टीम से खेले। कुछ ऐसे क्रिकेटर होते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मैच में डेब्यू करने के बाद धीरे-धीरे टीम में अपनी जगह पक्की कर लेते हैं। कुछ ऐसे भी होते हैं, जो पूरे कॅरियर के दौरान टीम में अंदर बाहर होते रहते हैं। वहीं, टीम इंडिया में कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने वनडे में डेब्यू तो किया, लेकिन दोबारा फिर कभी टीम में जगह नहीं बना पाए। आइये आपको ऐसे ही पांच भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने सिर्फ एक ODI खेला और दोबारा उन्हें फिर यह मौका नहीं मिला।
भगवत चंद्रशेखर
टीम इंडिया के महान स्पिनर भगवत चंद्रशेखर ने टेस्ट करियर में बेहतरीन गेंदबाजी की है। वे भारतीय टेस्ट टीम के अहम गेंदबाज रहे। उन्होंने अपने डेब्यू वनडे मैच में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन उनका दोबारा वनडे टीम में न चुना जाना एक रहस्य बनकर रह गया। उन्होंने अपने संन्यास से 3 साल पहले अपना पहला और आखिरी वनडे मैच खेला था। यह 1976 में ऑकलैंड में हुई 2 मैचों की सीरीज का एक मैच था। इस मैच में न्यूीजलैंड ने पहले बल्लेबाजी की थी और चंद्रशेखर टीम इंडिया के सबसे कामयाब गेंदबाज साबित हुए थे। उन्होंने 7 ओवर में 36 रन देकर 3 विकेट हासिल किए थे। हालांकि, भारत यह मैच 80 रनों से हार गया था। इसके बाद चंद्रशेखर को वनडे में दोबारा मौका नहीं मिला।
डोड्डा गणेश
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज डोड्डा गणेश 90 के दशक में भारत के उभरते बॉलर थे। वे कर्नाटक की टीम के सबसे बेहतरीन गेंदबाजों में से एक थे। वे 1996-97 में दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे दौरे के लिए वनडे टीम में शामिल किए गए। उन्होंने अपना पहला वनडे मैच जिम्बाब्वे के खिलाफ बुलवायो में खेला। इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए महज 168 रन बनाए। जवाब में जिम्बाब्वे ने यह मैच 8 विकेट से जीत लिया। इस मैच में गणेश ने 20 रन देकर 1 विकेट हासिल किया था। इसके बाद गणेश भारतीय टेस्ट टीम के लिए चुने गए और 4 टेस्ट मैच भी खेला, लेकिन वे दोबारा कोई वनडे मैच नहीं खेल पाए।
पंकज धरमानी
पंकज धरमानी को 1996 के टाइटन कप टूर्नामेंट के लिए टीम इंडिया में चुना गया था। इस टूर्नामेंट में भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया की टीम शामिल थी। धरमानी ने जयपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला वनडे मैच खेला। इस मुकाबले में पंकज ने महज 8 रन बनाए और साउथ अफ्रीका ने मैच जीत लिया था। इसके बाद धरमानी को टीम इंडिया में दोबारा मौका नहीं मिल सका।
पंकज सिंह
तेज गेंदबाज पंकज सिंह ने 2009 के घरेलू सीजन में शानदार प्रदर्शन किया था। साल 2010 में वे जिम्बाब्वे में होने वाली त्रिकोणीय सीरीज के लिए टीम इंडिया में चुने गए। पंकज ने अपना डेब्यू वनडे मैच 2010 में हरारे में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। इस मैच में भारत ने पहले खेलते हुए 268 रन बनाए थे। पंकज ने इस मैच में 7 ओवर फेंके और 45 रन लुटाए थे। यह प्रदर्शन पंकज के लिए घातक साबित हुआ और वे दोबारा कभी भी वनडे के लिए टीम इंडिया में नहीं चुने गए।
परवेज रसूल
जम्मू-कश्मीर के इस ऑफ स्पिनर को घरेलू सर्किट में शानदार प्रदर्शन की बदौलत टीम इंडिया में चुना गया। रसूल ने साल 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ ढाका में अपना पहला वनडे मैच खेला। मगर वनडे में उनका डेब्यू उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। उन्होंने 10 ओवर में 60 रन दिए और 2 विकेट लिए। भारत ने यह मैच जीत लिया था, लेकिन परवेज रसूल अपनी गेंदबाजी से कोई बड़ा कारनामा करने में विफल रहे और इस मैच के बाद उन्हें भारत की वनडे टीम में खेलने का मौका नहीं मिला…Next
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