भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने सोमवार को कहा कि महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टीम के आधे कप्तान हैं। ऐसा उन्होंने इसलिए कहा क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के आखिरी दो मैचों के लिए धोनी को आराम देने का फैसला किया गया है। उनकी गैरमौजूदगी में विकेटकीपर बल्लेबाजी ऋषभ पंत को विकेटकिपर बनने मौका दिया गया है। भारत को सीरीज के चौथे मैच में 358 रन का लक्ष्य देने के बावजूद 4 विकेट से हार मिली थी। इस दौरान पंत की खराब किंपिग ने कई सारे मौके ऑस्ट्रेलिया को दिए दिससे फैंस और खुद कप्ता कोहली बेहद नाराज थे। ऐसे में अब पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने भी एक इंटरव्यू में कहा की कोहली धोनी के बिना अधूरे हैं और बतौर कप्तान उन्हें धोनी की जरुरत है। दिल्ली में खेले जाने वाले भारत-ऑस्ट्रेलिया पांचवें व फाइनल वनडे मैच से पहले पूर्व भारतीय दिग्गज बिशन सिंह बेदी ने विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी को लेकर क्या कहा है, आइए जानते हैं।
टीम में अब प्रयोग का वक्त नहीं
पूर्व स्पिनर बेदी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘मैं टिप्पणी करने वाला कौन होता हूं लेकिन हम सभी हैरान थे कि धोनी को आराम क्यों दिया गया और रविवारको खेले गए मैच में विकेट के पीछे, बल्लेबाजी और फील्डिंग में उनकी कमी खली, वह एक तरह से आधा कप्तान है। बेदी ने कहा ‘धोनी अब युवा नहीं होने जा रहा हैं और वह पहले जैसा फुर्तीला भी नहीं है लेकिन टीम को उनकी जरूरत है।
कप्तान को धोनी की है जरुरत
दिग्गज क्रिकेटर ने कहा कि धोनी की मौजूदगी से टीम शांत भाव से खेलती है। कप्तान को भी उनकी जरूरत महसूस होती है और उनके बिना वह असहज नजर आते हैं, यह अच्छे संकेत नहीं हैं। बेदी ने इसके साथ ही कहा कि भारतीय टीम को विश्व कप से पहले वनडे टीम में प्रयोग नहीं करने चाहिए थे।
आईपीएल विश्व कप से पहले एक समस्या
बिशन सिंह बेदी ने आईपीएल को लेकर बोलते हुए कहा कि, ‘मैं निजी तौर पर चाहता हूं कि वे वर्तमान में जियें, विश्व कप में अब भी ढाई महीने का वक्त है। केवल अपना खेल खेलो, विश्व कप के लिये हम पिछले डेढ़ साल से प्रयोग कर रहे हैं और मैं इससे कतई खुश नहीं हूं’। बेदी ने इसके साथ ही कहा कि 23 मार्च से शुरू होने वाला आईपीएल विश्व कप से पहले टीम के लिये गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। इनमें से कोई भी आईपीएल के दौरान चोटिल हो सकता है। आप ऐसी उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि खिलाड़ी फ्रेंचाइजी की तरफ से खेलते हुए अपना सौ फीसदी न दें’।
350 रनों का टारगेट देकर भी हारा भारती
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे इतिहास में ये पहला मौका था जब टीम इंडिया को 350 रनों का टारगेट खड़ा करने के बाद हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले भारत को 23 बार साढ़े तीन सौ से ज़्यादा रन बनाने पर हमेशा जीत मिली थी।
गेंदबाजों को अच्छी सलाह देते हैं धोनी
मोहाली में जब आखिरी लम्हों पर टीम इंडिया जीत के लिए पसीने बहा रही थी तो विराट कोहली बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग कर रहे थे। अगर धोनी टीम में रहते हैं तो विराट का काम आसान हो जाता है। धोनी विकेट पीछे खड़े हो कर लगातार रणनीति तैयार करते हैं, वो गेंदबाज़ों से लगातार बातचीत करते रहते हैं। इसके अलावा विकेटकीपिंग करते हुए धोनी विरोधी बल्लेबाज़ों को अपने माइंड गेम से भी परेशान करते हैं।…Next
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