टीम इंडिया की कई जीतों में अहम भूमिका निभाने वाले क्रिकेटर आरपी सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने उसी दिन खेल से संन्यास लिया जिस दिन 13 साल पहले उन्होंने अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। कल ही आरपी सिंह ने खुद को क्रिकेट से दूर करने का फैसला लिया हैं। आरपी सिंह केवल खेल को लेकर ही मीडिया के सामने आते थे, ऐसे में चलिए जानते हैं उनकी लव स्टोरी के बारे में साथी ही कैसा रहा था उनका सफर।
4 सितम्बर 2005 को शुरू किया था सफर
32 वर्षीय आरपी सिंह ने ट्विटर पर भावुक संदेश लिखकर इसकी जानकारी दी, आरपी ने ट्वीट कर लिखा, ‘मेरे इस सफर को सफल बनाने वाले सभी साथियों को धन्यवाद। 13 साल पहले 4 सितम्बर 2005 को मैंने पहली बार भारतीय जर्सी पहनी, यह मेरे जिंदगी के खुशनुमा सफ़र में पहला कदम था’। इसके साथ ही उन्होंने अपने संदेश में अपनी फैमिली, बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघ को भी धन्यवाद कहा। आरपी ने अपने पत्र में लिखा, ‘मेरी आत्मा और दिल आज भी उस युवा लड़के के साथ है, जिसने पाकिस्तान के फैसलाबाद में कॅरियर की शुरुआत की थी। जो लेदर बॉल को अपने हाथ में रखते हुए सिर्फ खेलना चाहता था। हालां,कि शरीर अहसास दिला रहा है कि अब मेरी उम्र हो चुकी है और युवा खिलाड़ियों के लिए जगह खाली करने का समय आ गया है’।
दोस्त ने करवाई थी मुलाकात
आरपी सिंह की पत्नी एडवोकेट हैं, वो अहमदाबाद के सीनियर एडवोकेट मनोज पोपट की बेटी हैं। 1 दिसंबर, 2012 को रुद्र और देवांशी की शादी हुई थी। इस कपल ने करीब तीन साल की डेटिंग के बाद शादी करने का फैसला लिया था। शादी के बाद एक इंटरव्यू में देवांशी ने अपनी लव स्टोरी शेयर की थी उन्होंने बताया था, ‘तीन साल पहले मैं रुद्र से एक रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान मिली थी। मैं वहां अपने एक फ्रेंड को चीयर करने गई थी। उसी ने मेरी मुलाकात रुद्र से करवाई थी। तब से लगातार हमारे बीच बातचीत होती रही’।
मीडिया से दूर रखा रिलेशनशिप
जल्द ही फ्रेंडशिप प्यार में बदल गई, लेकिन इन्होंने अपने रिलेशनशिप को मीडिया से दूर रखने का फैसला लिया। देवांशी के अनुसार, ‘रुद्र इंट्रोवर्ट हैं। वो लोगों के सामने अपनी पर्सनल लाइफ डिस्कस करना पसंद नहीं करते। सेलिब्रिटी होने के कारण मीडिया की नजर उनपर रहती है। इसलिए हमने अपने रिलेशनशिप को किसी को न बताने का फैसला किया था’। रुद्र प्रताप सिंह की शादी में साथी क्रिकेटर और उनके करीबी एमएस धोनी पत्नी साक्षी के साथ पहुंचे थे।
ऐसे हुआ था आगाज
आरपी सिंह ने 4 सितम्बर 2005 को ज़िम्बाब्वे के खिलाफ वनडे से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। इसके एक साल बाद पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में अपना पहला टेस्ट खेला था। 2007 में पहले टी20 विश्व कप में उनके प्रदर्शन के कारण भारत ने वर्ल्ड कप जीता था। आखिरी वनडे उन्होंने 2011 में कार्डिफ में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था और इसी साल ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ ही आखिरी टेस्ट भी खेला था।
ऐसा रहा सफर
भारत की तरफ से क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में खेलने वाले आरपी साल 2007 में टी-20 विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। आरपी ने भारत की तरफ से 14 टेस्ट खेले हैं और 40 विकेट हासिल किए जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 59 रन देकर 5 विकेट है। भारत की तरफ से 58 वनडे मैच खेलते हुए आरपी ने 69 विकेट हासिल किए हैं। वनडे क्रिकेट में उनका बेस्ट बॉलिंग फीगर 35 रन देकर 4 विकेट रहा है। वहीं 10 टी-20 इंटरनेशनल मैच में आरपी ने कुल 15 विकेट चटकाए हैं।…Next
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