कई बार किसी खिलाड़ी की प्रतिभा को वह सम्मान नहीं मिल पाता है जिसके लिए उसने दिन-रात मेहनत की है. शायद इसके पिछे की वजह उसे वह मंच न मिल पाना हो सकता है जहां वह अपने प्रतिभा को लोगों के सामने रख सके. भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के बारे में ऐसा ही कहा जा सकता है. शिखर धवन ने अपने कॅरियर की शुरुआत तो 2004 में कर ली थी लेकिन दर्शकों को उनकी खूबियों से रूबरू होने का मौका आज मिल रहा है.
शिखर धवन ने जब अपने कॅरियर की शुरुआत की उस समय उनके साथी खिलाड़ी गौतम गंभीर और सुरेश रैना थे लेकिन चयनकर्ताओं को प्रभावित न करने की वजह से शिखर का कॅरियर ग्राफ अपने साथी खिलाड़ियों की तरह आगे नहीं बढ़ पाया. वह लगातार टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे. आखिरकार उन्हें 2010 में एकदिवसीय मैच में भारतीय टीम की तरफ से आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने का मौका मिला लेकिन इस मैच में उन्होंने कोई खास प्रदर्शन नहीं किया जिसकी वजह से उन्हें बाहर का रास्ता देखना पड़ा.
इसके बाद उन्हें दोबारा खेलने का मौका 2013 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ ही टेस्ट मैच में मिला. मोहाली में खेले गए मैच में शिखर धवन ने अपने पहले टेस्ट मैच में 187 रन की आतिशी पारी खेलकर न केवल अपने विरोधियों को चकित किया बल्कि उस मैच में उन्होंने अपना पहला मैन ऑफ द मैच का खिताब भी हासिल किया. फिर यहां से उनके कॅरियर का ग्राफ लगातर बढ़ता ही गया. आज वह टीम के सबसे चर्चित चेहरे हैं. मार्च 2013 के बाद से अगर देखे तो शिखर धवन के पास टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में कुल 4 शतक है इसमें 3 अर्द्धशतक भी शामिल है. धवन के बारे में ऐसे ही कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार है.
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