सुरेश रैना किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, आज वो क्रिकेट जगत में एक मशहूर और जाना-माना चेहरा हैं. जब रैना फॉर्म में रहते हैं तो गेंदबाज उनसे खौफ खाते हैं, आईपीएल में भी रैना का बल्ला खुब गरजता है. रैना आज भल ही आसमान को छु रहे हों लेकिन सुरेश रैना को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए जिन परेशानियों का सामना करना पड़ा उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. रैना कभी परिवार से दूर हॉस्टल में रहत थे और वो उस दौरान इतने परेशान हो गए थे कि उन्होंने आत्महत्या करने की कोशीश भी की थी, तो चलिए एक नजर ड़ालते हैं रैना के सफर पर.
ट्रेन में पेपर बिछाकर सोते थे रैना
रैना मेरठ के रहने वाले हैं और अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए वो अपने घर से दूर हॉस्टल में जाकर रहते थे, लेलकिन उन्हें यहां पर कई तरह के मुश्किलों का सामना करना पड़ा. रैना ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, वो एक बार ट्रैन से मैच खेलने जा रहे थे और टिकट नहीं थे जिस वजह से ट्रैन में नीचे पेपर बिछा कर वो सो गए, इस दौरान उन्ही के साथ जा रहे किसी साथ ने बदामाशी में उनपर पेशाब कर दिया इस दौरान रैना महज 13 साल के थे.
हॉस्टल मेें सीनियर ने रैना को किया है परेशान
रैना खेल में बेहद अच्छे से जिस वजह से उनके सीनियर उनसे अच्छा व्यवहार नही करते थे, रैना के कोच उन्हें बेहद पंसद करते थे क्योंकि वो एक अच्छे खिलाडी थे. रैना को कई बार आधी निंद से उठा दिया जाता था और उनके उपर ठंडा पानी डाल दिया जाता था, साथ ही उनके खान में भी घास ड़ाल दी जाती थी, ताकि वो अच्छा खेल न दिखा सकें.
आत्महत्या करना चाहते थे रैना
एक बार रैना को हॉकी स्टिक से भी पीटा गया था, जिसके बाद रैना ने एक साल बाद ही हॉस्टल छोड़ दिया, लेकिन फिर रैना के भाई दिनेश ने दोबारा से उन्हें हॉस्टल पहुंचा दिया. रैना इस दौरान बेहद खराब मानिसक दौर से गुजर रहे थे, वो आत्महत्या करना चाहते थे लेकिन रैना उस वक्त अपने परिवार की मजबूरी समझते थे इसलिए वो वापस आ गए.
200 रुपये में गुुजारा करते थे रैना
उस वक्त रैना के पास केवल 200 रुपये होते थे और वो अक्सर समोसे और बिस्कुट खाकर गुजारा करते थे. रैना के दिन तब फिर जब उन्हें एयर इंडिया की तरफ से खेलने का मौका मिला, 1999 में रैना को एयर इंडिया की तरफ से दस हजार रुपए की स्कॉलरशिप मिली. जिसमें से रैना आठ हजार घर देते थे औक खुद दो हजार में काम चलाते थे.
साल 2003 में रैना इंग्लैंड क्लब क्रिकेट खेलने गए, वहां उन्हें एक सप्ताह क्रिकेट खेलने के 250 पाउंड मिले. बाद में रैना ने साल 2005 में पहली बार भारत की टीम के लिए वनडे मैच खेला. आईपीएल रैना की जिंदगी में दूसरा टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ, उसके बाद रैना ने कभी पिछे पलटकर नहीं देखा. रैना आज न केवल एक अच्छे बल्लेबाज के तौर पर जाने जाते हैं बल्कि आईपीएल में वो गुजरात के बेहतरीन कप्तान भी हैं.
एक बेटी के हैं पिता
रैना ने साल 2015 में प्रियंका चौधरी से शादी कर ली, प्रियंका एम्सटर्डम के बैंक में आईटी प्रोफेशनल हैं. शादी के बाद भी प्रियंका अपना काम करती हैं और रैना अपने खेल पर ध्यान देते हैं, रैना साल 2016 14 मई को एक बेटी के पिता बने हैं जिसका नाम ग्रेसिया है, रैना ने अपनी बेटी के नाम का टैटू भी करवाया है…Next
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