भारत में क्रिकेट केवल एक खेल नहीं है बल्कि उससे बढ़कर, ये मैदन से निकलर लोगों के दिलों में बसता है और शायद यही वजह है कि इस खेल के खिलाड़ियों को पूजा जाता है। लेकिन इस खेल में फिटनेस सबसे बड़ी बात होत है, कुछ ऐसे किलाड़ी होते हैं जो सालो तक फिट रहते हैं और खेलले हैं, लकिन कुछ ऐसे भी खिलाड़ी होते हैं जो चोटिल होते हैं या उन्हें की अन्य तह की परेशानी होती है जिस वजह से उन्हें क्रिकेट से हटना पडता है। लेकिन सालों के बाद वो मैदान पर वापसी करते हैं औऱ अपने प्रर्दशन से लोगो को हैरान कर देत हैं।
1. सचिन तेंदुलकर
साल 2004 में क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर भी टेनिस एल्बो के चलते 1 साल से ज़्यादा समय के लिए क्रिकेट से दूर रहे थे। क्रिकेट खेलना तो दूर की बात सचिन को बैट पकड़ने में भी तकलीफ़ हो रही थी, ये उनके करियर का सबसे ख़राब दौर था। उस वक़्त कई डॉक्टर्स और एक्सपर्ट भी कह चुके थे कि अब शायद ही सचिन कभी क्रिकेट खेल पाएं। लेकिन क्रिकेट के प्रति ये सचिन का पैशन ही था, जो उन्हें एक बार फिर मैदान पर खींच लाया। साल 2005 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ शानदार वापसी करते हुए सचिन ने टेस्ट क्रिकेट में अपना 35वां शतक पूरा किया, इसके बाद सचिन ने टेस्ट में अपने 51 शतक पूरे किये।
2. जहीर खान
टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ जहीर खान को भी साल 2004-2005 सीज़न के दौरान चोट लगने के कारण टीम से बाहर होना पड़ा था। लेकिन इंजरी से जूझने के बाद जहीर ने टीम इंडिया में वापसी करने के बजाय काउंटी क्रिकेट खेलना बेहतर समझा। काउंटी में अच्छे प्रदर्शन के बाद जहीर ने साल 2006-2007 में टीम इंडिया में ज़बरदस्त वापसी करते हुए 28 मैचों में शानदार 49 विकेट्स झटके। इसके बाद जहीर लगातार 6 साल तक टीम इंडिया में मुख्य गेंदबाज़ के तौर पर टीम को कई अहम मौक़ों पर जीत दिलाते रहे।
3. युवराज सिंह
सिक्सर किंग युवराज सिंह का क्रिकेट करियर हमेशा से ही उतार-चढ़ाव वाला रहा है। कभी चोट तो कभी ख़राब फ़ॉर्म और बीमारी के चलते उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा था। लेकिन युवराज ने हर बार शानदार तरीके से वापसी की। वर्ल्डकप 2011 के दौरान कैंसर जैसी भयानक बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद युवी ने टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिका निभाई। युवराज सिंह वर्ल्डकप 2011 के मैन ऑफ़ द सीरीज़ भी थे। इस जीत के बाद भी वो मैदान पर लौटे आज शतक भी जड़ा, उम्मीद है की वो आन वाल दिनों में विश्व कप का भी हिस्सा बनें।
4. आशीष नेहरा
नेहरा ने अपने 18 साल के क्रिकेट करियर में चोट के कारण सिर्फ़ 17 टेस्ट, 120 वनडे और 27 टी-20 मुक़ाबले ही खेले। साल 1999 से 2005 तक उनका करियर बेहतरीन रहा. लेकिन 2005 में घुटने की चोट के चलते नेहरा लगभग 2 साल के लिए टीम से बाहर रहे।
चोट से उभरने के बाद साल 2008 में पहले आईपीएल में उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी की और आईपीएल के टॉप-10 गेंदबाज़ों में से एक रहे। साल 2009 से 2011 तक नेहरा टीम इंडिया के प्रमुख़ गेंदबाज़ रहे, ये उनके करियर का सुनहरा दौर था।..Next
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