फुटबॉल के महासंग्राम यानी फीफा वर्ल्ड कप में कुछ ही दिनों का समय बचा है, अगले हफ्ते यानि की 14 जून से 15 जुलाई यानि एक महीने तक लोगो पर फीफा का फीवर चढ़ा रहेगा। हालांकि भारत विश्व कप में नहीं खेल रहा है, लेकिन यहां भी लोग विश्व कप को काफी ज्यादा फॉलो करते हैं। ऐसे में जाहिर है कि भारत की तरफ से भी फुटबॉल फीवर देखने को मिलता है। यह इस फुटबॉल के महाकुंभ का 21वां संस्करण होगा, इस बार इसका आयोजन रशिया में किया जाएगा, जहां टामों का जमावड़ा होना शुरू हो गया है। ऐसे में हर बार की तरह इस बार भी फीफा के फुटबॉल की चर्चा भी जोरों पर हो रही है, क्योंकि इसे विश्व कप के लिए अलग तरीके से तैयार किया जाता है ताकि खिलाड़ियों को किसी तरह की परेशानी न हो गेंद को किक करने में। तो चलिए जानते हैं आखिर क्यों खास होती है विश्व कप फुटबॉल की गेंद और इस बार क्या है खास।
हाईटेक फुटबॉल का इस्तेमाल किया जाएगा
14 जून से शुरू हो रहा फीफा वर्ल्ड कप एक मीहने तक चलेगा और 15 जूलाई को फुटबॉल की दुनिया को नया विश्व विजेता मिलेगा। इस बार फुटबॉल के इस वर्ल्ड कप में कुल आठ ग्रुप होंगे, जिनमें 32 टीमें हीस्सा लेंगी। हर बार जब भी विश्व कप का ओयोजन होता है तो फीफा अपने खिलाड़ियों को बेहतरीन गेंद से खिलाने क प्रयास करते है और सालों से ये हर बार बदलता है और इस बार खबर है कि वर्ल्ड कप में कोई साधारण गेंद नहीं हाईटेक फुटबॉल का इस्तेमाल किया जाएगा।
गेंद में लगेगी चिप
साल 1930 से फुटबॉल के विश्व कप का आयोजन किया जा रहा है और हर बार इसमे कुछ खास बदलाव देखने को मिलते हैं। विदेशी मीडिया में छपी खबरों की मानें तो फुटबॉल को इस बार हाईटेक किया गया है और इस बार फीफा वर्ल्ड कप 2018 में पहली बार चिप लगी गेंद ‘टेलस्टार-18’ से खेला जाएगा।
एडिडास बना रही है फुटबॉल
खबरे हैं कि चिप जो फुटबॉल मे लगी होगी उसे मोबाइल फोन से कनेक्ट किया जाएगा औऱ इसे स्पोर्ट्स जगत की मशूहर कपंनी एडिडास बना रही है। इस चिप को मोबाइल फोन से कनेक्ट कर खेल से जुड़े कई अहम आंकड़े हासिल किए जा सकते हैं। चिप से पैर से लगे शॉट और हेडर सहित अन्य जानाकरियां देगी, इस फुटबॉल का नाम टेलस्टार-18 बताया जा रहा है। खास बात ये है कि यह गेंद आम लोगों और खिलाड़ियों के खरीदने के लिए उपलब्ध है।
टेलस्टार गेंद सालों पहले इस्तेमाल हुई थी
खबरों के मुताबिक एडिडास ने इसका नाम 1970 में डिजाइन की गई गेंद टेलस्टार के नाम पर रखा गया है। एडिडास ने अपनी पहली वर्ल्ड कप गेंद के नाम पर इस बार की गेंद का नाम ‘टेलस्टार-18’ रखा है। साल 1970 और 1974 के वर्ल्ड कप में भी टेलस्टार गेंद का उपयोग हुआ था। पुरानी टेलस्टार गेंद में जहां 32 पैनल वॉल थे। वहीं इस अत्याधुनिक फुटबॉल में केवल 6 पैनल है।
काले और सफेद रंग से डिजाइन किया गया है
साल 1994 के वर्ल्ड कप के बाद पहली बार फुटबॉल को काले और सफेद रंग से डिजाइन किया गया है। टेलस्टार-18 गेंद में छह पैनल वॉल होने से उसकी फ्लाइट स्टैबलिटी बढ़ जाएगी। माना ये भी जा रहा है कि 3डी टेक्नोलॉजी से डिजाइन किया गया है, जिससे गेंद को नियंत्रित करना आसान होगा। टेलस्टर-18 किक लगने के बाद हवा में काफी देर तक लहराएगी, जिससे इसकी गति को परखना आसान नहीं होगा।
पाकिस्तान में हुआ है उत्पादन
टेलस्टार-18 का उत्पादन पाकिस्तान के सियालकोट में फॉरवर्ड स्पोर्ट्स कंपनी ने किया है। यह कंपनी हर महीने 7 लाख गेंद बनाती है। 1994 से यह एडिडास के साथ काम कर रही है। 2014 और 2018 वर्ल्ड कप के लिए भी इसी कंपनी ने गेंद बनाई थी। इस गेंद को अब तक करीब 600 से ज्यादा खिलाडि़यों ने टेस्ट किया है। इससे पहले गेंद का इस्तेमाल साल 2017 के फीफा क्लब विश्व कप के सेमीफाइनल में भी हुआ था।…Next
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