पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को लगता है कि विराट कोहली ‘चतुर कप्तान’ नहीं हैं। इस मामले में उनकी तुलना भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और सीमित ओवरों के प्रारूप में टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा से नहीं की जा सकती। अपनी कप्तानी में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) को 2012 और 2014 में चैम्पियन बनाने वाले गंभीर ने कहा कि कोहली भाग्यशाली हैं कि कप्तान के तौर पर पिछले आठ साल से टीम को खिताब नहीं दिला पाने के बाद भी वह रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु (आरसीबी) के साथ बने हुए हैं।
विराट की तुलना एमएस धौनी-रोहित शर्मा से नहीं की जा सकती
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बात करें तो विराट कोहली की कप्तानी पर गौतम गंभीर सवाल खड़ा नहीं कर सकते। क्योंकि विराट ही भारत के पहले कप्तान हैं जिनकी अगुवाई में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर टेस्ट सीरीज में हराया है। गंभीर ने कहा, ‘आईपीएल में ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने दो या उससे अधिक बार ट्रॉफी जीती है। एमएस धौनी और रोहित शर्मा। इसलिए मुझे लगता है कि विराट कोहली को अभी लंबा रास्ता तय करना है। आप इस मामले में उनकी तुलना रोहित या धौनी से नहीं कर सकते’।
चतुर कप्ताननहीं है विराट- गंभीर
गौतम गंभीर ने कहा, ‘मैं उन्हें चतुर कप्तान के तौर पर नहीं देखता हूं, मैं उन्हें रणनीतिक कप्तान के रूप में भी नहीं देखता हूं। उन्होंने आईपीएल नहीं जीता है, एक कप्तान उतना ही अच्छा होता है, जितना अच्छा उसका रिकॉर्ड होता है’। गंभीर की टिप्पणी हालांकि आईपीएल में एक कप्तान के रूप में कोहली की सफलता के बारे है क्योंकि वह पहले कप्तान हैं जिन्होंने भारत को ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट सीरीज में जीत दिलाई है’।
अब कत एक भी जीत नहीं दिला पाएं हैं कोहली
केकेआर के साथ सात साल तक खेलने के बाद 2018 में टीम से अलग हुए गंभीर ने कहा, ‘कोहली आरसीबी का हिस्सा रहे हैं और पिछले आठ वर्षों से टीम की कप्तानी कर रहे हैं। वह बहुत भाग्यशाली रहे हैं और उन्हें इस फ्रेंचाइजी को धन्यवाद देना चाहिए कि वे उनके साथ बने रहे क्योंकि टूर्नामेंट नहीं जीतने वाले कई कप्तानों को इतना लंबा समय नहीं दिया जाता’।
नंबर-4 बल्लेबाजी पोजिशन बहुत अहम होती है
गंभीर का मानना है कि रायुडू के ऊपर टीम मैनेजमेंट को वैसे ही भरोसा बनाए रखना चाहिए था, जैसे की शिखर धवन और महेंद्र सिंह धौनी पर भरोसा बनाए रखा गया, जब वो रन नहीं बना रहे थे। उन्होंने कहा, ‘आपने पिछले साल महेंद्र सिंह धौनी और शिखर धवन को सपोर्ट किया था। अंबाती रायुडू का वनडे में औसत करीब 50 का है। उसने अभी तक ऐसा कुछ गलत नहीं किया है, फॉर्म में रहना नहीं रहना खेल का हिस्सा है।’ गंभीर ने कहा, ‘अभी तक नंबर-4 पोजिशन सेट हो जानी चाहिए थी। 2011 विश्व कप में विराट कोहली नंबर-4 बल्लेबाज थे और उन्हें टीम मैनेजमेंट ने सपोर्ट किया था। नंबर-4 बल्लेबाजी पोजिशन बहुत अहम होती है’।…Next
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