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धोनी के साथ जोगिंदर शर्मा ने शुरू किया था अपना करियर, 2007 विश्व का थे अहम हिस्सा

क्रिकेट विश्वकप के इतिहास में कुछ खिलाड़ी ऐसे निकल जाते हैं जिनके योगदान की चर्चा क्रिकेट जगत में हर समय की जाती है। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं जोगिंदर शर्मा, यह वही खिलाड़ी हैं जिस पर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 2007 के टी-20 विश्वकप के फाइनल में दाव चलते हुए गेंद थमाई थी। नए-नए कप्तान बने महेंद्र सिंह धोनी ने जब अंतिम ओवर में गेंदबाज जोगिंदर शर्मा को गेंद थमाई तो हर कोई हैरान था। लेकिन जोगिंदर ने अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से पाकिस्तान टीम को जीत के लिए जरूरी रन बनाने से रोकते हुए टीम को जीत दिलाकर फाइनल के हीरो बन गए। लेकिन उसके बाद जोंदिगर कभी नजर नहीं आए, ऐसे में चलिए आज उनके 35वें जन्मिदन पर जानते हैं आखिर कहां हैं जोगिंदर शर्मा।

Shilpi Singh
Shilpi Singh23 Oct, 2018

 

 

 

धोनी और जोगिंदर दोनों का अंतराष्ट्रीय करियर एक दिन में शुरू हुआ

2004 में बांग्लादेश दौर के लिए जोगिंदर शर्मा का टीम में चयन हुआ। महेंद्र सिंह धोनी का भी चयन हुआ था। 23 दिसम्बर 2004 को सौरभ गांगुली के कप्तानी में इन दोनों खिलाड़ियों को टीम में मौक़ा मिला। इस मैच में जहां धोनी कोई रन नहीं बना पाए थे वहीं जोगिंदर ने दो गेंदों का सामना करते हुए पांच रन बनाए थे। जोगिंदर ने अच्छी गेंदबाज़ी करते हुए आठ ओवर में 28 रन देकर एक विकेट भी हासिल किये थे।

 

 

तीन साल के बाद टीम में हुई वापसी

इस सीरीज के बाद जोगिंदर शर्मा का टीम से ड्रॉप कर दिया गया, तीन साल तक टीम से बाहर रहने के बाद 2007 में उनकी वापसी हुई। वेस्टइंडीज के खिलाफ चार एकदिवसीय मैच के लिए उनका चयन हुआ, पहले मैच में उनको प्लेइंग एलेवेन में जगह नहीं मिली। दूसरे एकदिवसीय मैच में उनको टीम में जगह मिली लेकिन वह कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाए। आखिरी दो मैच के लिए उन्हें जगह नहीं मिली थी और उसके बाद आज तक कभी उनकी एकदिवसीय टीम में वापसी नहीं हुई है।

 

 

धोनी की कप्तानी में टी 20 वर्ल्ड कप की टीम में हुआ चयन

जिस धोनी के साथ जोगिंदर शर्मा ने अपना पहला मैच खेला, उसकी कप्तानी में उन्हें 2007 टी 20 वर्ल्ड कप के लिए टीम में चुना गया। भारत के पहले तीन मैच के लिए जोगिन्दर शर्मा को आखिरी ग्यारह में मौक़ा नहीं मिला था। 19 सितम्बर को इंग्लैंड के खिलाफ मैच में उन्हें मौक़ा मिला और वह कुछ खास नहीं कर पाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में जोगिंदर शर्मा ने तीन ओवर गेंदबाज़ी करते हुए 37 रन देकर दो विकेट हासिल किये थे।

 

 

फाइनल मैच में हीरो साबित हुए

फाइनल मैच के लिए महेंद्र सिंह धोनी ने जोगिंदर शर्मा को टीम में मौक़ा दिया। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 157 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तान ने 57 रन पर तीन विकेट खो दिए, लेकिन मियांदाद की 1986 वाली भूमिका मिस्बाह ने निभाई और पाकिस्तान को जीत के करीब पहुंचा दिया। अब आखिरी ओवर में पाक को जीतने के लिए 13 रन की जरूरत थी, लेकिन उसके पास विकेट एक ही बचा था। कप्तान धोनी ने सबको चौंकाते हुए, गेंद जोगिंदर शर्मा को थमा दी, जोगिंदर की तीसरी गेंद पर छक्का मारने के चक्कर में मिस्बाह आउट और भारत की जीत हुई।

 

 

डिप्टी कमिश्नर हैं जोगिंदर शर्मा

चारों तरफ जोगिंदर शर्मा चर्चा हो रही थी।इस शानदार गेंदबाज़ी के लिए हरियाणा सरकार ने जोगिंदर को 21 लाख के इनाम के साथ-साथ पुलिस में डिप्टी कमिश्नर की नौकरी भी दी। आज जोगिंदर इस पद पर कार्यरत हैं। इस वर्ल्ड कप के बाद जोगिंदर को टीम में कभी मौक़ा नहीं मिला।

 

 

जब आईसीयू में चले गए शर्मा

साल 2011 में जोगिंदर शर्मा का एक्सीडेंट हो गया था, इस एक्सीडेंट में उनके सिर में गंभीर चोटें आई थीं। इस वजह से उन्हें कुछ समय तक आईसीयू में रहना पड़ा। हादसे के बाद जोगिंदर ठीक तो हो गए थे, लेकिन इंडिया टीम में वापसी नहीं कर पाए।…Next

 

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