अपनी धरती पर वनडे और टेस्ट मैचों में वेस्टइंडीज को हराने के बाद अब भारतीय शेर निकल पड़े हैं कंगारुओं का शिकार करने और वह भी उन्हीं की धरती पर. 2008 के बाद एक बार फिर मौका है भारत के पास आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को उसी की धरती पर हराने का. 26 दिसंबर से बॉक्सिंग डे टेस्ट से शुरू होने वाला भारतीय क्रिकेट टीम का आस्ट्रेलिया दौरा चार टेस्ट मैचों का होगा जो 28 जनवरी तक चलेगा. यह दौरा भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ियों के लिए बेहद अहम होगा खासकर सचिन, द्रविड़ और लक्ष्मण के लिए जिनका हो सकता है यह आखिरी आस्ट्रेलिया दौरा हो. इसके साथ ही लगातार हार और खराब प्रदर्शन से जूझ रही टीम आस्ट्रेलिया भी इस दौरे के लिए अपने अहम खिलाड़ियों पर खास निर्भर है.
दमदारों का दम
जाहिर सी बात है, जिस टीम में टेस्ट क्रिकेट के दो-तीन सर्वाधिक रन-रिकॉर्डधारी खिलाड़ी हों, उसके सामने दुनिया की कोई भी दूसरी टीम बौनी ही नजर आएगी लेकिन क्रिकेट आंकड़ों का नहीं, अनुभव का नहीं, बल्कि अनिश्चितताओं का खेल है. यहां भविष्यवाणी की कोई गुंजाइश नहीं.
इस लिहाज से आगामी टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का पलड़ा मेजबान ऑस्ट्रेलिया से कहीं अधिक भारी दिख रहा है. टेस्ट रैंकिंग की बात करें तो इस समय भारतीय टीम दूसरे स्थान पर है, जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम चौथे स्थान पर. भारत के 118 रेटिंग अंक हैं और ऑस्ट्रेलिया के 103 रेटिंग अंक. भारत के पास सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे टॉप क्लास के बेहद अनुभवी खिलाड़ी हैं, जबकि मेहमान टीम के पास इस टक्कर का केवल एक ही खिलाड़ी है, रिकी पोंटिंग. पोंटिंग ने टेस्ट क्रिकेट में 158 मैच में 12 हजार से अधिक रन बनाए हैं, लेकिन इसके बावजूद तेंदुलकर, द्रविड़ और लक्ष्मण की भारतीय त्रिमूर्ति अनुभव के मामले में पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम से मीलों आगे है.
भारत के तेंदुलकर और द्रविड़ ने ही मिलकर 343 मैच में 28,254 रन बनाए हैं. इन दोनों के नाम पर 87 शतक दर्ज हैं, जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम के सभी खिलाडि़यों ने मिलकर 78 शतक जमाए हैं. इनमें से आधे शतक तो पोंटिंग ने लगाए हैं. तेंदुलकर और द्रविड़ के साथ मध्यक्रम के तीसरे बल्लेबाज लक्ष्मण को भी जोड़ने पर भारतीय त्रिमूर्ति के पास कुल 473 टेस्ट मैचों का अनुभव हो जाता है तथा उनके नाम पर 36,880 रन तथा 104 शतक दर्ज हो जाएंगे. शेन वाटसन और शॉन मार्श यदि ऑस्ट्रेलियाई टीम में वापसी करते हैं तब भी उसकी पूरी टीम के नाम पर 30 हजार से कम रन और केवल 81 शतक ही दर्ज होंगे.
गर्त के भी गर्त में आस्ट्रेलिया
पहले दक्षिण अफ्रीका और अब न्यूजीलैण्ड के हाथों करारी हार का सामना कर आस्ट्रेलिया टीम लगातार गिरती जा रही है. पोंटिंग जैसे स्टार खिलाड़ी भी फॉर्म की मार से बुरी तरह पिट रहे हैं. उस पर से उसके चोटिल खिलाड़ियों ने उसकी मुसीबत और बढ़ा दी है. आस्ट्रेलिया की टीम अब वह टीम नहीं रह गई है जो वह कभी थी. आज उसके पास ब्रेट ली, हैडन, गिलक्रिस्ट सरीखे खिलाड़ी नहीं हैं. इसके साथ ही आस्ट्रेलियाई टीम में अब युवा खिलाड़ी अधिक हैं जो टेस्ट के लिहाज से भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों से उन्नीस ही हैं.
लेकिन भारतीय टीम आस्ट्रेलिया की युवा टीम को भी हल्के में नहीं ले सकती. अगर आस्ट्रेलियाई टीम खराब दौर से गुजर रही है तो भारत के पास भी समस्याओं का पहाड़ है.
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