Menu
blogid : 7002 postid : 148

जीत के लिए लगाना होगा दम

Zaheerबॉक्सिंग डे टेस्ट में करारी हाथ के बाद अब भारत को 03 जनवरी से दूसरा टेस्ट खेलने के लिए तैयार होना है. साल के इस पहले टेस्ट में भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों की नजर जहां जीत पर होगी वहीं सिडनी के मैदान पर जीत के लिए आस्ट्रेलियाई टीम भी जान लगा देगी. मेलबर्न में हुए पहले टेस्ट मैच में रफ्तार और उछाल के आगे घुटने टेकने वाली भारतीय क्रिकेट टीम को दूसरे टेस्ट में भी सिडनी की तेज पिच को ही झेलना होगा.


भारत जब सिडनी में आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में उतरेगा तो उसके सामने होगा सीरीज में वापसी करने का सपना और अपने उस सपने को पूरा करने का भी जो पिछले काफी समय से भारत आस्ट्रेलिया में नहीं कर पाया है और वह है सीरीज जीतने का सपना. इससे पहले अगर हाल के आस्ट्रेलियाई दौरों पर भारतीय टीम की बात करें तो 2003-04 में भारत गांगुली की मेजबानी में यहां आया तो और सीरीज 1-1 से ड्रा करवाकर लौटा था. 2008 में हालांकि किस्मत और अंपायरिंग भारत के खिलाफ थी इसलिए सीरीज आस्ट्रेलिया की झोली में 2-1 के मामूली अंतर से गया और अब 2011-12 में चल रही इस सीरीज का पहला मैच आस्ट्रेलिया जीत चुका है.


आस्ट्रेलियाई जीत में इस बार अहम हैं रिकी पोंटिंग और उनके तेज गेंदबाज. जब भी बात आस्ट्रेलियाई पेस बैटरी की होती है जो जहन में वह तेज गेंदें आती हैं जो ब्रेट ली और मैकग़्रा जैसे गेंदबाज डालते थे. हालांकि अब वह खिलाड़ी मैच नहीं खेलते पर अब भी आस्ट्रेलिया के पास ऐसे गेंदबाज हैं जो किसी भी पिच पर बल्लेबाज की गिल्लियां बिखेर दें. बॉक्सिंग डे टेस्ट में भी भारतीय बल्लेबाजी को ताश की तरह बिखेरने वाले यही गेंदबाज थे.


बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में भारत की हार का प्रमुख कारण उसके बल्लेबाजों का फ्लॉप शो भी था. भारतीय बल्लेबाजी को यूं तो दुनिया की सबसे बेहतरीन बल्लेबाजी में गिना जाता है पर यही बल्लेबाजी कभी-कभी बहुत सामान्य भी लगने लगती है. यूं तो बॉक्सिंग डे टेस्ट की पहली पारी में भारतीय बल्लेबाजों ने सराहनीय खेल दिखाया पर दूसरी पारी में वह बुरी तरह फ्लॉप हो गए.


भारत को अगर दूसरे टेस्ट में जीत चाहिए तो जरूरी है कि जहीर खान और ईशांत शर्मा फॉर्म में आकर गेंदबाजी करें. जहीर खान को तो स्विंग का बादशाह कहा जाता है पर वह स्विंग पहले टेस्ट में देखने को मिली ही नहीं जिसके लिए वह जाने जाते हैं. साथ ही बल्लेबाजों को इस बात का ख्याल रखना होगा कि सिर्फ पन्नों पर महान बनने से कोई महान नहीं होता, असली परीक्षण तो मैदान में करना ही पड़ता है.


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh