पहले हैदराबाद फिर दिल्ली और अब बारी है मोहाली की. क्रिकेट में 125 दिनों तक जीत से दूर रहने वाली भारतीय क्रिकेट टीम अब मैच के हर विभाग में जीत हासिल करने को बेताब है. मोहाली के मैदान में जब टीम इंडिया उतरेगी तो उसके सामने होगा सीरीज जीत कर कप हासिल करने और इंग्लैण्ड में मिली करारी हार का बदला लेने का स्वर्णिम मौका.
भारत अगर 3-0 की निर्णायक बढ़त हासिल कर लेता है तो वह इंग्लैंड में वनडे सीरीज में मिली हार का बदला भी चुकता कर लेगा जबकि इसी दौरे पर हुए वाइटवाश की निराशा को भी कुछ हद तक पीछे छोड़ देगा. महेंद्र सिंह धोनी की टीम ने हैदराबाद और दिल्ली में खेले पहले दो मैचों में आसान जीत दर्ज की थी. हैदराबाद में पहले वनडे में मेजबान टीम ने 126 रन से जबकि दिल्ली में दूसरे मैच में आठ विकेट से जीत हासिल की. भारत की युवा टीम इंग्लैंड के खिलाफ अपने दबदबे को बरकरार रखना चाहेगी. टीम को इस बात से भी प्रेरणा मिलेगी कि वह 2-0 की बढ़त के साथ आईसीसी वनडे रैंकिंग में इंग्लैंड को पछाड़कर चौथे स्थान पर पहुंच गई है और एक और जीत के साथ इस स्थान पर उसका दावा मजबूत हो जाएगा.
हालांकि इंग्लैण्ड भी हाथ पर हाथ रखकर बैठने वाला नहीं. मेहमान टीम मोहाली में होने वाले इस मैच के जरिए वापसी करने को आतुर होगी. मेहमान टीम के लिए मोहाली का मैच करो या मरो का मुकाबला है क्योंकि एक और मैच में हार के साथ टीम सीरीज गंवा देगी. टीम अब तक खेल के हर विभाग में नाकाम रही है. हाल में भारत के इंग्लैंड दौरे पर धोनी की टीम को जीत से महरूम रखने वाली टीम मौजूदा सीरीज के पहले दो मैचों में 50 ओवर तक बल्लेबाजी करने में भी नाकाम रही है. टीम के पास कप्तान एलिस्टेयर कुक, क्रेग कीस्वेटर, जोनाथन ट्राट, केविन पीटरसन और रवि बोपारा के रूप में उम्दा बल्लेबाज हैं लेकिन ये इकाई के रूप में प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं.
यंगिस्तान की धूम: अगर अभी तक हुए दो मैचों पर गौर किया जाए तो साफ होता है कि भारत का यंगिस्तान अब तैयार हो रहा है. पहले दो मैचों में विराट कोहली ने जिस तरह से अपने आप को साबित किया है उससे आगे के लिए संभावनाए बढ़ गई हैं. प्रवीण कुमार ने धारदार गेंदबाजी की है जबकि युवा उमेश यादव ने अपनी तेजी और विकेट लेने की क्षमता से प्रभावित किया है. आर विनय कुमार ने बीच के ओवरों में सहयोगी की बेहतरीन भूमिका निभाई है और दिल्ली में चार विकेट चटकाकर भारत को जीत दिलाने में उनका अहम योगदान था. सीरीज में अब तक चार-चार विकेट चटका चुके आर अश्विन और रविंदर जडेजा ने अपनी फिरकी के जादू से अब तक टीम को हरभजन की कमी महसूस नहीं होने दी है.
हालांकि सलामी बल्लेबाज पार्थिव पटेल और आजिंक्य रहाणे का फॉर्म चिंता का विषय है पर जब तक टीम की बल्लेबाजी सही चल रही है तब तक उन पर भी कोई आंच नहीं आ सकती. देखते हैं टीम इंडिया इस सीरीज को यही खत्म करती है या इंग्लैण्ड की टीम जोरदार वापसी कर फिर भारत को जीत से दूर करेगी.
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