लगातार फिटनेस की मार ने टीम इंडिया को एक नया रूप दे दिया है जहां सारा दारोमदार युवाओं पर आ टिका है. इंग्लैण्ड से बुरी तरह हारने के बाद अब बारी है घर का शेर बनने की. वैसे भी भारतीय टीम को घर का शेर माना जाता है. लेकिन भूलना नहीं चाहिए कि इंग्लैण्ड ने भी भारत को अपनी ही धरती पर हराया था.
इंग्लैंड को भारत में 14 अक्टूबर से पांच मैचों की वनडे सीरीज खेलनी है. भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज 14 अक्टूबर से शुरू होगी जबकि अन्य मैच दिल्ली [17 अक्टूबर], मोहाली [20 अक्टूबर], मुंबई [23 अक्टूबर] और कोलकाता [25 अक्टूबर] में होंगे. दोनों टीमों के बीच एकमात्र टी-20 मैच 29 अक्टूबर को कोलकाता में होगा.
पिछला इंग्लैण्ड दौरा भारत के लिए बहुत बुरा रहा था. चार टेस्ट मैचों की सीरीज 0-4 से गंवाने के बाद भारत को एकमात्र टी-20 मैच में भी हार मिली जबकि पांच मैचों की वनडे सीरीज टीम इंडिया ने 0-3 से गंवाई थी. इस सीरीज में भारत के साथ कुछ भी अच्छा नहीं हुआ. लगातार टीम को हार का सामना करना पड़ा तो वहीं चोटों के कारण टीम ने कई खिलाडियों को वापस देश भेजा.
चोटों की स्थिति तो अब भी नहीं सुधरी पर अब हालात अलग होंगे. सचिन पैर के अंगूठे की चोट की वजह से तो वहीं युवराज सिंह अंगुली की चोट की वजह से बाहर हैं. वीरेंद्र सहवाग को कंधे की चोट ने तो वहीं जहीर खान मांसपेशियों में खिंचाव के शिकार हैं. गेंदबाजी में ईशांत शर्मा टखने की चोट की वजह से बाहर हैं और मुनाफ पटेल का हाल भी इशांत की तरह है. ले देकर सभी अहम खिलाड़ी चोटिल और टीम से बाहर हैं. ऐसे में सारा दामोदार होगा नए चेहरों पर.
अगर नए चेहरों पर नजर घुमाएं तो अजिंक्य रहाणे, वरुण आरोन, उमेश यादव, एस अरविंद, राहुल शर्मा जैसे खिलाड़ी हैं. हरभजन सिंह को खराब प्रदर्शन की वजह से टीम से बाहर किया गया है तो वहीं कर्नाटक के 27 वर्षीय तेज गेंदबाज अरविंद और पंजाब के 24 वर्षीय लेग स्पिनर राहुल को घरेलू क्रिकेट और आईपीएल के पिछले सत्र में अच्छे प्रदर्शन का इनाम मिला है.
झारखंड के तेज गेंदबाज आरोन इंग्लैंड में भारत की वनडे टीम का हिस्सा थे लेकिन वहां उन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. उमेश यादव को भी आईपीएल से पहचान मिली थी और उन्हें आशीष नेहरा और आरपी सिंह जैसे अनुभवी गेंदबाजों की जगह टीम में रखा गया है.
बल्लेबाजी में भी पार्थिव पटेल और आजिंक्य रहाणे को पिछले इंग्लैण्ड सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करने का बेहतरीन इनाम मिला है. साफ है कि अब टीम में नाम नहीं आप खेलते हैं. अच्छा प्रदर्शन ही टीम में जगह का पैमाना होना चाहिए और वही हुआ है.
इंग्लैण्ड के पास भी अनुभव की कमी: इंग्लैंड ने अब तक की सबसे अनुभवहीन टीम इस दौरे पर भेजी है, जिसके कप्तान एलिस्टेयर कुक ने भारत में अब तक केवल एक वनडे मैच खेला है. इस टीम में केविन पीटरसन ने ही भारतीय धरती पर सर्वाधिक 12 मैच खेले हैं, जबकि इयान बेल और ग्रीम स्वान के नाम पर आठ-आठ मैच दर्ज हैं. टीम के सात खिलाड़ी तो पहली बार भारतीय धरती पर खेलने के लिए उतरेंगे.
भारत में इंग्लैण्ड की कांटों भरी राह: इंग्लैण्ड के लिए भारत का दौरा कितना कठिन होता है यह जानने के लिए कुछ आंकडे देखिए. इंग्लैंड ने भारत में आखिरी बार 1984 में डेविड गावर की अगुवाई में वनडे सीरीज [4-1] जीती थी. उसके बाद 1993 और 2002 में सीरीज बराबर कराने में सफल रहा था जबकि 2006 और 2008 में भारत ने क्रम से 5-1 और 5-0 से जीत दर्ज की थी. पिछले दस साल में भारत ने अपनी सरजमीं पर इंग्लैंड की एक नहीं चलने दी. इस बीच दोनों टीमों के बीच 19 मैच हुए जिसमें से 14 भारत ने जीते जबकि इंग्लैंड केवल चार में ही जीत दर्ज कर पाया.
जहां तक रिकार्ड की बात है तो भारत और इंग्लैंड के बीच अब तक 76 मैच खेले गए हैं जिनमें भारत ने 38 जीते हैं और 33 में उसे हार मिली है. भारत का अपनी धरती पर रिकार्ड और बेहतर है. उसने 35 मैच में से 21 में जीत दर्ज की है जबकि 13 उसने गंवाए हैं.
लेकिन क्रिकेट आंकड़ों का खेल नहीं है. यहां किस दिन कौन सा नया रिकॉर्ड बन जाए कहा नहीं जा सकता. आखिरी गेंद और आखिरी रन तक जीत और हार के बारे में कहना बिलकुल गलत होता है और यही इस खेल का रोमांच है.
इंग्लैण्ड और भारत श्रृखंला का विवरण (England tour of India 2011 Schedule)
S.No. | Match | Date | Venue |
1 | पहला एक दिवसीय मैच | 14 अक्टूबर, 2011 | हैदराबाद |
2 | दूसरा एक दिवसीय मैच | 17 अक्टूबर, 2011 | दिल्ली |
3 | तीसरा एक दिवसीय मैच | 20 अक्टूबर, 2011 | मोहाली |
4 | चौथा एक दिवसीय मैच | 23 अक्टूबर, 2011 | मुंबई |
5 | पांचवा एक दिवसीय मैच | 25 अक्टूबर, 2011 | कोलकाता |
6 | एकमात्र टी-ट्वेंटी | 29 अक्टूबर, 2011 | कोलकाता |
Read Comments