साउथ अफ्रीका दौरे पर गई भारतीय क्रिकेट टीम की राह मुश्किल नजर आ रही है। पहले टेस्ट मैच में हार के बाद भारतीय टीम दूसरा टेस्ट जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी की कोशिश में लगी है। दूसरी पारी में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही और टीम इंडिया 3 विकेट खोकर मात्र 35 रन बना पाई। भारतीय टीम खासकर एक प्लेयर के निराशाजनक प्रदर्शन की वजह से टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को महेंद्र सिंह धोनी की याद आ गई। आइये आपको बताते हैं कि ऐसा क्या हुआ, जिसकी वजह से गावस्कर को धोनी की याद आ गई।
2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को कहा था अलविदा
धोनी ने सन् 2014 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा था। इसके बाद उनके स्थान पर रिद्धिमान साहा को बतौर विकेटकीपर टीम में प्राथमिकता दी गई। साउथ अफ्रीका दौर पर गई भारतीय टीम के कीपर साहा दूसरे टेस्ट से पहले चोटिल हो गए। उनकी जगह विकेटकीपिंग का जिम्मा पार्थिव पटेल को सौंपा गया। दूसरे टेस्ट मैच में पार्थिव ने अपने प्रदर्शन से सभी को काफी निराश किया। उन्होंने दूसरे टेस्ट की पहली पारी में कुछ कैच भी मिस किए। इसे देखते हुए गावस्कर काफी निराश हुए और उन्हें धोनी की याद आ गई।
‘धोनी को टेस्ट क्रिकेट से नहीं लेना चाहिए था संन्यास’
दरअसल, गावस्कर का मानना है कि महेंद्र सिंह धोनी को टेस्ट क्रिकेट से इतनी जल्द संन्यास नहीं लेना चाहिए था। गावस्कर ने चौथे दिन का खेल शुरू होने से पहले एक एनालिसिस शो में कहा कि धोनी के रहते टीम लंबे समय तक फायदे में रही। उन्होंने कहा कि काश धोनी ने टेस्ट से संन्यास नहीं लिया होता। अगर वे चाहते तो खेल सकते थे। हालांकि, साफ है कि उन पर कप्तानी का बहुत दबाव था। मेरे हिसाब से उन्हें कप्तानी छोड़कर बतौर विकेटकीपर-बल्लेबाज टीम में बने रहना चाहिए था, क्योंकि ड्रेसिंग रूम में माही की सलाह अमूल्य है। हालांकि, हो सकता है कि उन्होंने सोचा हो कि उनके लिए यहां न रहना ही अच्छा रहेगा।
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पार्थिव पटेल ने किया निराश
धोनी के अलावा गावस्कर ने साहा को लेकर भी कुछ इसी तरह की बात कही। उन्होंने कहा कि टीम साहा को बुरी तरह मिस कर रही है। उनकी कीपिंग बेहद अलग लेवल की है। हालांकि, पार्थिव पटेल एक प्रतियोगी विकेटकीपर हैं। बल्लेबाजी के दौरान वे छोटे फाइटर हैं, लेकिन विकेट कीपिंग के दौरान उनमें कुछ छोटी कमियां दिखीं। हमने देखा कि उन्होंने तीसरे दिन विकेट कीपिंग के दौरान मौके गंवाए। अगर हम कैच पकड़ने की कोशिश करते हैं और ड्रॉप हो जाती है, तो कोई बात नहीं, लेकिन कैच पकड़ने के लिए कोशिश ही नहीं करना बेहद निराश करता है। बता दें कि टेस्ट सीरीज में साउथ अफ्रीका 1-0 से आगे है और सीरीज में बने रहने के लिए दूसरा मैच जीतना टीम इंडिया के लिए बेहद जरूरी है…Next
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