साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज गंवाने के बाद भारतीय टीम ने वनडे सीरीज में शानदार वापसी की है। शुरुआती दोनों मैच जीतकर भारत ने सीरीज पर अपनी मजबूत पकड़ बना ली है। दूसरे वनडे में भारतीय गेंदबाजों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए मेजबान टीम को मात्र 118 रनों पर समेट दिया। इससे भारतीय बल्लेबाजों के लिए मैच जीतने की राह आसान हो गई। भारत ने मात्र 20.3 ओवरों में 1 विकेट के नुकसान पर 119 रन बना लिए। विकेटों के लिहाज से यह साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी जीत है। इस जीत का ज्यादा श्रेय भारतीय गेंदबाजों को जाता है, जिन्होंने मेजबान टीम की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। सबसे ज्यादा चमके भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज युजवेंद्र चहल। उन्होंने साउथ अफ्रीका की सरजमीं पर अपनी गेंदबाजी से ऐसा कारनामा किया, जो इससे पहले कोई नहीं कर पाया था। आइये आपको चहल के उन दो रिकॉर्ड के बारे में बताते हैं, जो उन्होंने दूसरे मैच में पांच विकेट लेकर बनाए हैं।
स्पिनर युजवेंद्र ने रचा इतिहास
अपने पहले दक्षिण अफ्रीकी दौरे में ही स्पिनर युजवेंद्र चहल ने इतिहास रच दिया। उन्होंने रविवार को सेंचुरियन में खेले गए सीरीज के दूसरे वनडे में 22 रन देकर 5 विकेट हासिल किए। इसी के साथ वे दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे में पांच विकेट हासिल करने वाले दुनिया के पहले स्पिनर बन गए हैं। उनका यह प्रदर्शन अफ्रीकी सरजमीं पर दुनिया के किसी भी स्पिन गेंदबाज द्वारा किया गया दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस मामले में पहले पायदान पर दक्षिण अफ्रीका के ही निकी बोए हैं, जिन्होंने साल 2002 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केपटाउन में 21 रन खर्च कर 5 विकेट झटके थे।
वनडे में पहली बार 5 विकेट
चहल दक्षिण अफ्रीकी सरजमीं पर वनडे में 5 विकेट हासिल करने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज और पहले स्पिनर बन गए। इससे पहले सन् 2003 में आशीष नेहरा ने इंग्लैंड के खिलाफ विश्वकप के क्वार्टर फाइनल में 23 रन देकर 6 विकेट झटके थे। चहल ने अपनी इस बेहतरीन गेंदबाजी से जो दूसरा खास रिकॉर्ड बनाया, वह है वनडे कॅरियर में पहली बार 5 विकेट लेने का कारनामा।
‘कप्तान और टीम प्रबंधन साथ हो, तो बढ़ता है आत्मविश्वास’
इस शानदार प्रदर्शन के चलते चहल को मैन ऑफ द मैच पुरस्कार मिला। पुरस्कार लेने के बाद हरियाणा के इस गेंदबाज ने कहा कि मैं गेंद को फ्लाइट कराता हूं और विकेट पर फोकस करता हूं। मुझे पता है कि इस गेंद पर छक्का भी पड़ सकता है, लेकिन आपका कप्तान और टीम प्रबंधन जब आपके साथ होता है, तो आत्मविश्वास मिलता है। मैंने बेंगलुरू में आरसीबी के लिए खेला है और वहां के विकेट इससे भी सपाट हैं, लिहाजा वह अनुभव यहां काम आया। उन्होंने कहा कि यदि आप बल्लेबाज या उनके कद के बारे में सोचने लगे तो अपनी ताकत पर फोकस नहीं कर सकते। आईपीएल में भी मैने 4 ओवर में 40 रन तक दिए, लेकिन मुझे तब भी यही लगता था कि अच्छी गेंदों पर शॉट लगे हैं। मेरी ताकत विकेट लेना है और मैं किफायती गेंदबाजी के चक्कर में नहीं पड़ता…Next
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