पहले दो टेस्ट मैच जीतने के बाद हमेशा की तरह भारतीय टीम आराम से चिंता मुक्त तो हो गई पर वह भूल गई कि वेस्टइंडीज वार करने में बहुत माहिर है और उसने ऐसा ही किया. पहले दिन जहां वेस्टइंडीज के चारो बल्लेबाजों ने पचासे ठोंके वहीं दूसरे दिन दो और बल्लेबाजों ने अर्द्धशतक ठोंक भारत के आगे 590 जैसे रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया. चलिए एक सरसरी नजर डालते हैं भारत और वेस्टइंडीज के बीच चल रहे तीसरे टेस्ट मैच पर.
पहला दिन
पहले ही दिन लगे चार अर्द्धशतक
वेस्टइंडीज के चोटी के छह बल्लेबाजों ने भारत के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच की पहली पारी में कम से कम 50 रन जरूर बनाए. टेस्ट क्रिकेट में यह केवल पांचवां अवसर है जबकि चोटी के छह बल्लेबाजों ने 50 से अधिक रन बनाए. इनमें से चार अर्द्धशतक तो पहले दिन ही बन गए थे. वेस्टइंडीज की तरफ से एड्रियन बराथ [62], क्रेग ब्राथवेट [68], किर्क एडवर्ड्स [86] के अलावा ब्रावो भी पहले दिन अपना अर्द्धशतक पूरा कर चुके थे.
पहला दिन भारतीय गेंदबाजों के लिए बहुत बुरा रहा. बहुत मेहनत के बाद उन्हें पूरे दिन में दो विकेट ही मिले.
दूसरा दिन: वेस्टइंडीज की धाकड़ बल्लेबाजी
बल्लेबाज डेरेन ब्रावो की शतकीय पारी सहित चोटी के छह बल्लेबाजों के अभूतपूर्व पचासा प्रदर्शन से वेस्टइंडीज ने तीसरे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन भारत को 590 रनों का लक्ष्य दिया. वेस्टइंडीज की तरफ से ब्रावो ने 166 रन बनाए तो वहीं काइरेन पावेल [81] शतक से चूक गए और छठें नंबर पर उतरे मर्लोन सैमुअल्स ने 61 रन ठोंके.
अनोखा रिकॉर्ड: टेस्ट क्रिकेट में यह केवल पांचवां अवसर है जबकि चोटी के छह बल्लेबाजों ने 50 से अधिक रन बनाए.
वेस्टइंडीज की पारी को सबसे बड़ा झटका दिया नए गेंदबाज वरुण अरोन ने. वरुण अरोन ने अपना पहला विकेट ब्रावो के रूप में लिया. अरोन ने इसके बाद कार्लटन बॉ [4] और डेरेन सैमी [3] को भी पवेलियन भेजा. इसके अलावा अश्विन ने भी पांच विकेट लेकर वेस्टइंडीज के मध्य क्रम को तोड़ दिया.
तीसरे और चौथे दिन की भारतीय बल्लेबाजी
भारतीय बल्लेबाजी की शुरूआत सहवाग के ब्लास्ट से हुई पर 37 रनों से ज्यादा का कमाल वह दिखा नहीं पाए. लेकिन हां उनके साझेदार गंभीर ने 55 रन बनाए. द्रविड ने अपने नाम के मुताबिक 82 रनों की पारी खेली. राहुल द्रविड़ ने मुंबई टेस्ट में बल्लेबाजी के दौरान टेस्ट क्रिकेट में 13,000 रन भी पूरे कर लिए. द्रविड़ टेस्ट क्रिकेट में 13 हजार रन बनाने वाले सचिन के बाद दुनिया में दूसरे बल्लेबाज हैं.
लेकिन जो लोग सचिन तेंदुलकर के महाशतक का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे उनके लिए फिर मायूसी का ही दिन रहा. सचिन जब बल्लेबाजी कर रहे थे तो लगा शायद वह आज महाशतक पूरा कर ही दें. लेकिन ऐसा हो ना सका. सचिन 94 रन के निजी स्कोर पर रवि रामपाल की गेंद पर डेरेन सैमी को कैच थमा बैठे. सचिन वनडे क्रिकेट में 48 और टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक लगा चुके हैं. लेकिन इसके बाद कोई भी खिलाड़ी सही से रंग में नहीं दिखा पर सबकी आशाओं के विपरीत गेंदबाज आर अश्विन ने ही शतक जमा दिया. अश्विन ने 117 गेंदों पर 15 चौकों और दो छक्कों की मदद से 103 रनों की पारी खेली. इसके अलावा अश्विन ने गेंदबाजी के दौरान पांच विकेट भी झटके थे.
वेस्टइंडीज की दूसरी पारी चौथे दिन शुरू हुई और उसने दो विकेट भी खो दिए. 108 रनों की बढ़त के साथ उतरी वेस्टइंडीज टीम ने दूसरी पारी में चौथे दिन का खेल खत्म होने तक दो विकेट पर 81 रन बनाए.
सचिन तेंदुलकर भले ही अपने महाशतक से चूक गए हों लेकिन आर अश्विन ने शानदार शतकीय पारी खेलते हुए भारत को फालोआन से बचाया और 482 रनों तक पहुंचाया. टेस्ट क्रिकेट में पहली बार ऐसा हुआ जब पहली पारी में कुल 11 खिलाड़ियों ने 50 या उससे ज्यादा रन बनाए हैं.
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