इंग्लैण्ड दौरे पर मिली बेहद करारी हार का बदला धोनी एंड कंपनी ने ले ही लिया. लगातार तीन मैचों में जीत की हैट्रिक ने धोनी के चेहरे को खिलता गुलाब सा कर दिया. कहते हैं अपनी धरती पर तो चूहे भी शेर होते हैं पर क्रिकेट के मैदान पर शेर वही होता है जो मैच जीते. भारतीय शेरों ने अपनी धरती पर साबित कर दिया कि विश्व कप की जीत कोई तुक्का नहीं थी.
तीसरे और अहम वनडे क्रिकेट मैच में भारत ने इंग्लैंड के 299 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए चार गेंद शेष रहते पांच विकेट पर 300 रन बनाकर जीत हासिल की. मोहाली के मैदान पर दर्शकों को लोकल प्लेयरों को खेलते देखने का लुत्फ तो नहीं मिला पर टीम इंडिया ने मोहाली के माहौल को जीत के साथ जश्नमय बना दिया.
मैच का लेखा जोखा
मेहमान टीम इंग्लैण्ड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया. उनकी शुरूआत तो ठीक नहीं रही पर ट्रॉट और पीटरसन ने इंग्लैंड को मजबूत स्कोर की ओर बढ़ाया. जोनाथन ट्रॉट [नाबाद 98, 116 गेंद, 8 चौका] के अलावा समित पटेल [नाबाद 70, 43 गेंद, 7 चौका व 2 छक्का] और केविन पीटरसन [64 रन, 61 गेंद] ने भी अर्धशतक ठोका जिससे इंग्लैंड 50 ओवर में चार विकेट पर 298 रन बनाने में सफल रहा.
भारत को जीत के लिए 299 रन चाहिए थे. पहले दो मैचों में लगातार फ्लॉप रही भारतीय सलामी जोड़ी इस मैच में अपने रंग में दिखी. पार्थिव पटेल ने 38 और आजिंक्य रहाणे ने 91 रनों की अहम पारी खेल कर मैच को पूरी तरह भारत के पलड़े में ला दिया. बल्ले से लगातार बेहतर प्रदर्शन करने वाले गंभीर ने इस मैच में भी अर्धशतक ठोंका.
नए सितारे आजिंक्य रहाणे: आजिंक्य रहाणे ने पहले इंग्लैण्ड और अब भारत में अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान आकर्षित किया है. उम्मीद जगी है कि अब भारत को एक और ओपनिंग बल्लेबाज मिल गया है जो सहवाग और सचिन जैसे दिग्गजों के स्थान पर बल्लेबाजी कर सके. आजिंक्य रहाणे ने मोहाली में 91 रनों की पारी खेली पर वह अपने शतक से मात्र नौ रन चूक गए.
पर भारतीय क्रिकेट टीम की एक आदत बड़ी पुरानी है कि वह एक बर सीरीज जीतने के बाद पूरी तरह निर्भय हो जाती है. इस बार उसके पास इंग्लैण्ड को वाइटवॉश करने का अच्छा मौका है. पांच मैचों की सीरीज में अब बस दो मैच ही बचे हैं. अगर भारत यह दोनों मैच जीत लेता है तो इंग्लैण्ड में मिली हार का बदला तो पूरा हो ही जाएगा साथ ही विश्व क्रिकेट रैंकिंग में भी भारत को फायदा होगा.
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