Menu
blogid : 7002 postid : 1393652

1983 वर्ल्डकप में कपिल देव ही नहीं यह खिलाड़ी भी था हीरो, ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज पर बरपाया अपनी गेंदबाजी का कहर

जब भी 1983 वर्ल्डकप की बात होती है तो आंखों के सामने वो मंजर आता है, जब कपिल देव ने मुस्कुराते हुए टीम के साथ कप उठाया था। वो दिन क्रिकेट इतिहास का एक यादगार लम्हा बन गया जैसा कि सभी जानते हैं कि मैच को जिताने में सभी क्रिकेटर्स के प्रयास गिने जाते हैं लेकिन उनमें से कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं, जो जीत के हीरो बनते हैं। कपिल देव के अलावा एक ऐसा ही नाम है, जिन्हें 1983 जीत का ज्यादा क्रेडिट तो नहीं मिला लेकिन उनका शानदार प्रदर्शन हमेशा याद रखा जाएगा।
वो खिलाड़ी हैं रोजर बिन्नी, जिनका आज जन्मदिन है। एक नजर उनसे जुड़े दिलचस्प किस्से पर-

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal19 Jul, 2019

 

 

भारत के पहले एंग्लो इंडियन क्रिकेटर थे रोजर
रोजर बिन्नी भारत के लिए खेलने वाले पहले एंग्लो इंडियन क्रिकेटर थे। रोजरबिन्नी का नाम क्रिकेट के अलावा जेवलिन थ्रो और फुटबॉल तक में आता है। बिन्नी एक वक्त तक नेशनल लेवल के भाला फेंक खिलाड़ी भी रह चुके हैं। उन्होंने अपने करियर में 27 टेस्ट और 72 वनडे मैच खेले और रिकॉर्ड टेस्ट में 47 विकेट और वनडे में 77 विकेट इनके नाम हैं। वो कर्नाटक की रणजी टीम के कप्तान भी रहे हैं। बिन्नी 2000 में अंडर 19 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कोच भी थे। उस दौरान इस टीम के कप्तान मोहम्मद कैफ थे। इस टीम में युवराज सिंह भी थे। यह धुंरधर खिलाड़ी बंगाल रणजी टीम के कोच बने और साल 2012 में नेशनल सलेक्टर के पद पर भी रह चुके हैं।

 

 

अपनी बॉलिंग से दी ऑस्ट्रेलिया को पटकनी
1983 के उस वर्ल्ड कप में जब भारत अपने तीनों प्रैक्टिस मैच हार गया था, रोजरबिन्नी ने पूरे टूर्नामेंट में 18 विकेट लिए थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल का वो मुकाबला, जब बिन्नी ने अपने 8 ओवरों में 2 मेडन फेंके और 29 रन देकर 4 विकेट लिए। रोजर की बेहतरीन मीडियम फास्ट गेंदबाजी के चलते ऑस्ट्रेलिया 129 रनों पर ढेर हो गई थी।

 

 

फाइनल मैच में रोजर का बेहतरीन प्रदर्शन, जीत लिया मैच
भारत का फाइनल मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ था। टीम के सामने वर्ल्ड कप जीतने का मौका था, लेकिन इस साल की तरह, उस बार भी भारत की बैटिंग चली। भारत पहले बैटिंग करते हुए सिर्फ 183 रन ही बना पाया। वेस्टइंडीज की मजबूत टीम के लिए यह स्कोर प्रैक्टिस मैच जैसा ही था। वेस्ट इंडीज ने 1975 और 1979 का वर्ल्डकप अपने नाम किया था। जब ज्यादातर भारतीय वर्ल्डकप जीतने की उम्मीद छोड़ चुका था। इस मैच में किफायती गेंदबाजी करने वालों में रोजर बिन्नी का भी नाम था। बिन्नी ने 10 ओवर फेंके और एक मेडन के साथ 1 विकेट लिया और सिर्फ 23 रन दिए थे। वेस्टइंडीज 140 पर ऑल आउट हो गई। इस तरह भारत को अपना पहला वर्ल्ड कप उठाने का मौका मिला।…Next

 

Read More :

90 के दौर के इन 7 कॉमेडी टीवी सीरियल्स को लोग आज भी करते हैं मिस, इनकी वापसी का है इंतजार

इन मशहूर सितारों ने अपनी पहली कमाई से खरीदी थी सेकेंड हैंड कार, आज हैं कई लग्जरी कारों के मालिक

ICC World Cup 2019 में फैसला देते दिखेंगे दुनिया के 12 सबसे मंहगे अंपायर, जानें एक मैच की कितनी मिलती है फीस

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh