कभी भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी रहे गौतम गंभीर ने बीते दिनों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। गौतम गंभीर के संन्यास लेने के बाद अब अटकले लगाई जा रही हैं कि शायद विश्व कप के बाद कई और बड़े नाम कुद क मैदान से दूर कर सकते हैं और इस लिस्ट में उन बल्लेबाजों और गेंदबाजों के नाम हैं जिन्होंने भारत को बहुत कुछ दिया गया है।
1. युवराज सिंह
गंभीर की ही तरह युवराज सिंह ने भी 2007 वर्ल्ड टी-20 और 2011 वन-डे विश्वकप में टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन पिछले कुछ समय से युवी का बल्ला पूरी तरह शांत पड़ चुका है। रणजी और विजय हजारे जैसे टूर्नामेंट में भी सिक्सर किंग रन के लिए तरसते नजर आए। आईपीएल के अगले सत्र के लिए किंग्स-XI पंजाब ने भी उन्हें टीम से रिलीज कर दिया है। ऐसे में उम्मीद कम ही है की वो 2019 विश्व कप का हिस्सा होंगे और हो सकता है इसके बाद वो क्रिकेट से दूर हो जाएं।
2. हरभजन सिंह
हरभजन सिंह को अगर भारतीय क्रिकेट इतिहास का सर्वश्रेष्ठ ऑफ स्पिनर बताया जाए तो गलत नहीं होगा। महज 18 साल की उम्र में टीम इंडिया के लिए पहला टेस्ट खेलने वाले भज्जी ने आखिरी बार 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला था। टीम इंडिया से बाहर होने के बाद अब भज्जी घरेलू क्रिकेट में भी कम ही नजर आते हैं। महज आईपीएल के प्रदर्शन के दम पर टीम में वापसी करना उनके लिए असंभव है, ऐसे में हो सकता है वो विश्व कप के बाद संन्यास की घोषणा कर दें।
3. इरफान पठान
इस फेहरिस्त में अगला नाम किसी जमाने में दिग्गज कपिल देव का उत्तराधिकारी समझे जाने वाले इरफान पठान का है। चोट और लगातार फिटनेस समस्याओं के चलते इस खिलाड़ी का करियर समय से पहले ही समाप्त हो गया। 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ एतिहासिक हैट्रिक फिर 2008 में पर्थ की विकेट पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने चमकदार खेल से सभी को प्रभावित करने वाले इरफान 2007 टी-20 विश्वकप विजेता टीम का भी हिस्सा थे। 2012 में आखिरी बार भारतीय जर्स में नजर आने वाले इस खिलाड़ी को पिछले साल आईपीएल में कोई खरीददार तक नहीं मिला। अब वे भी कमेंटेटर के रूप में नजर आते हैं।
4. अमित मिश्रा
36 वर्षीय अमित मिश्रा के साथ शायद किस्मत ने भी न्याय नहीं किया, प्रतिभा के धनी मिश्रा को जब भी टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला है उन्होंने हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की है। लेकिन इसे संयोग ही कहा जाएगा कि जब वह युवा थे तो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज लेग स्पिनर अनिल कुंबले के रहते हुए उन्हें नियमित तौर पर टीम में जगह नहीं मिल पाई। इसके बाद आर अश्विन की आंधी और रविंद्र जडेजा के जादू के बीच मिश्रा जी का मैजिक वह चमक नहीं बिखेर पाया। अब जब वह 36 बसंत पार कर गए हैं तो टीम में युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के तौर पर बेहतरीन युवा फिरकी का विकल्प मिल चुका है।…Next
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