देश की महिलाओं ने अब ऐसे क्षेत्रों में अपनी कामयाब जगह बना ली है, जहां कभी उनकी उपस्थिति न के बराबर होती थी। इन क्षेत्रों में कभी सिर्फ पुरुषों का दबदबा होता था और आज महिलाओं ने उनके बराबर ही नहीं, उनसे बढ़कर उन क्षेत्रों में कामयाबी हासिल की है। महिलाओं की ये कामयाबी इस बात की गवाह है कि देर से ही सही, लेकिन अब लोगों की मानसिक बाधाएं टूट रही हैं। आइये आपको ऐसी की पांच महिलाओं के बारे में बताते हैं, जिन्होंने खेल की दुनिया में इतिहास रचा है। अपने क्षेत्र में ऐसा कारनामा करने वाली वे पहली भारतीय महिला हैं।
दीपा करमाकर
दीपा करमाकर ने दुनिया भर में भारत डंका बजाया है। 52 साल में जिम्नास्ट इवेंट में रियो ओलंपिक पहुचने वाली दीपा करमाकर पहली भारतीय महिला हैं। हालांकि, वे मामूली अंतर से कांस्य पदक से चूक गईं, लेकिन अपनी काबिलियत से दीपा ने देश को गौरवान्वित किया। दीपा ने 6 साल की उम्र से ही अभ्यास शुरू कर दिया था।
अरुणिमा सिन्हा
अरुणिमा सिन्हा को किस्मत ने जो दर्द दिया, उसे उन्होंने अपनी कमजोरी की बजाय ताकत बना दिया। 2011 में लुटेरों ने अरुणिमा को ट्रेन से नीचे फेंक दिया, जिससे वे बुरी तरह घायल हुईं। उनका एक पैर काटना पड़ा, लेकिन उन्होंने इस दर्द को जुनून में तब्दील कर दिया। इस घटना के दो साल बाद ही एक पैर से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली वे पहली भारतीय बन गईं।
मिताली राज
कभी सिर्फ पुरुषों का खेल कहे जाने वाले क्रिकेट में मिताली राज ने जो कीर्तिमान स्थापित किया, उसने इस मिथक को तोड़ दिया। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली ने देश में महिला क्रिकेट को एक नया मुकाम दिया है। मिताली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर हैं, जिन्होंने वनडे मैच में 6000 रन बनाए। मिताली ODI में सबसे अधिक रन बनाने वाली महिला खिलाड़ी भी हैं।
अलीशा अब्दुल्ला
चेन्नई की अलीशा ने 8 वर्ष की उम्र में गो-कार्टिंग से रेसिंग करियर शुरू किया और आज देश की पहली महिला फॉर्मूला वन रेसर हैं। अलीशा ने मात्र 13 साल की उम्र में पहली चैंपियनशिप जीती। उन्होंने 2004 में एफ-1 रेसिंग में एंट्री ली और नेशनल रेसिंग चैंपियनशिप में 5वें नंबर पर रहीं। अलीशा रेसिंग के कई अवॉर्ड जीत चुकी हैं। वे देश की पहली नेशनल रेसिंग चैंपियन महिला भी हैं। अब अलीशा बाइक-कार रेसिंग करती हैं।
दीपा मलिक
देश की कई महिलाएं अपनी शारीरिक अक्षमता को ताकत में तब्दील करने का उदाहरण हैं। इन्हीं में से एक हैं दीपा मलिक। दीपा भारत की पहली पैरा-एथलीट हैं, जिन्होंने 2016 में रियो पैरालंपिक्स में शॉटपुट इवेंट में रजत पदक जीता। इसके अलावा रैली वाहनों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस पाना भी उनकी एक बड़ी उपलब्धि है। दीपा को पद्मश्री, राष्ट्रपति पुरस्कार और अर्जुन अवॉर्ड जैसे सम्मान मिल चुके हैं…Next
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