इंडियन प्रीमियर लीग ने तमाम स्टार बनाए हैं और उन्हें मालामल भी किया है, पर कई बार ऐसा भी हुआ है कि कोई खिलाड़ी एक-दो सीजन में सुर्खियों में रहने की वजह से सभी के बीच चर्चा का विषय रहता है और देखते ही देखते वह नजरों से ओझल हो जाता है। इस तरह के खिलाड़ियों में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलने वाले पेस गेंदबाज कामरान खान, जिन्होंने अपनी गेंदबाजी से सबको हैरान किया लेकिन वक्त के साथ वो बेकार होते चले गए और आज वो गुमनामी के अंधेरे में जी रहे हैं।
पकड़ ली मुम्बई की राह
आजमगढ़ के नेशनल इंटर कालेज से इंटर पास करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी और मुम्बई चले आए। एक कमरा किराये पर लिया, खुद खाना बनाता-खाता और अधिक से अधिक समय तक पुलिस लाइन और इस्लाम जिमखाना ग्र्राउंड पर दिन रात प्रैक्टिस करते थे। लगभग एक साल बाद उसे पुलिस क्लब से खेलने का मौका मिल गया, इस मौके ने ही उसकी किस्मत का चौका लगा दिया। उसी दौरान टीम ने एक प्रेसटीजियस मैच खेला, यहां कामरान ने चार विकेट लिये। राजस्थान रॉयल से जुड़े जुबीर भरूचा और मोंटी देसाई भी मैच देख रहे थे, उन दोनों ने ही टीम में जगह दिलायी।
यॉर्कर को बनाया हथियार
कामरान की बॉलिंग के सीक्रेट्स वेपन यॉर्कर और स्लोवर है। इसकी प्रैक्टिस खूब करते हैं। मलिंगा और वसीम अकरम दोनों यार्कर के लिए जाने जाते हैं। कामरान ने इनसे काफी सीखा है।
शेन वॉर्न का टोरनेडो कामरान
कामरान खान की हम बात करें तो यह गेंदबाज 140 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करता था। शेन वॉर्न की टीम ने 2009 के सत्र में 12 लाख रुपए में जब कामरान को खरीदा था, कामरान को शेन वॉर्न की ही खोज माना जाता है। वॉर्न ने इस खिलाड़ी को ऐसा मांजा कि लगने लगा कि वह जरूर टीम इंडिया का स्टार गेंदबाज बनेगा। उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए नौ मैच खेलकर नौ विकेट लिए। शेन वॉर्न ने इस खिलाड़ी को टारनेडो का नाम दिया था और उन्हें उम्मीद थी वो एक दिन भारतीय टीम का हिस्सा बनेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
चकिंग में फंसे कामरान
कामरान की रफ्तार पर लगाम तब लगी जब उनका एक्शन संदिग्ध पाया गया, दरअसल चकिंग की शिकायत की वजह से उनकी रफ्तार थम सी गई। हालांकि इस दौरान शेन वॉर्न उनके साथ खड़े थे और उनकी इस समस्या को दूर करने के लिए शेन उन्हें ॉस्ट्रेलिया ले गए जहां उनके एक्शन को क्लीन चिट भी मिल गई।
राजस्थान और पुणे की टीम से भी हुए बाहर
कामरान के एक्शन में सुधार आने के बाद उनमें वो बात नहीं रहे, इसके चलते वे धीरे-धीरे रॉयल्स और यूपी घरेलू टीमों से बाहर होते गए। 2010 आईपीएल के बाद रॉयल्स ने कामरान को रीलिज कर दिया। 2011 में पुणे की टीम ने कामरान पर दांव लगाया थे, लेकिन उन्हें 2012 में टीम से निकाल दिया गया।
खेतों में करते हैं काम
आईपीएल ने उन्हें जहां रातो ंरात स्टार बना दिया था वहीं उसीखेल ने उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा। आईपीएल का साथ छूटने के बाद कामरान अपना घर चलाने के लिए खेती करते हैं, हालांकि उन्हें उम्मीद है कि वो मैदान पर एक बार फिर नजर आएंगे और लोगों को अपनी गेंदबाजी की का हुनर दिखाएंगे। वॉर्ऩ को जब पता लगा कामरान के बारे में तो उन्होंने ट्वीट करके चिंता जताई कि भारत का एक अच्छा गेंदबाज खराब हो रहा है।…Next
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