सत्ता एक ऐसी चीज है जो किसी की हार को जीत में कब बदल दे पता ही नहीं चलता. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की जबरदस्त वापसी हुई लेकिन इसका फायदा पार्टी के साथ-साथ एक व्यक्ति को और हुआ. वह व्यक्ति पिछले कुछ सालों से गुमनामी के अंधेरे में खो गया था. बात हो रही है पहले तीन सीजन (2008 से 2010 तक) में आईपीएल के चेयरमैन और कमिश्नर रहे ललित मोदी की.
एक वक्त था जब ललित मोदी को अपने ही देश में खतरा था लेकिन इन खतरों से पार पाते हुए मोदी एक बार फिर क्रिकेट जगत में वापसी कर रहे हैं. राजस्थान में वसुंधरा राजे द्वारा सत्ता संभालते ही ललित मोदी एक बार फिर क्रिकेट की राजनीति में कूद गए हैं. मोदी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन यानी आरसीए के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं.
जन लोकपाल का लॉलीपॉप सबको चाहिए
1999 में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में काम करने के बाद मोदी राजस्थान क्रिकेट संघ से जुड़े जहां उनकी मुलाकात प्रदेश के बड़े-बड़े राजनेताओं से हुई. उन्हीं में से एक हैं राजस्थान की वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे. राजे से उनकी मुलाकात उन्हें सफलता की बुलंदियों पर ले गई. उनके समर्थन से मोदी राजस्थान क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी बने. मोदी ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पिछले कार्यकाल में राजस्थान में क्रिकेट की राजनीति में कदम रखकर आईपीएल कमिश्नर बनने तक की सफलता हासिल की. लेकिन यह सफलता उसी समय तक थी जब तक राजे सत्ता में थी. उनके सत्ता से बाहर जाने के दो साल बाद मोदी के लिए बुरा दौर शुरु हो चुका था. 2010 में आईपीएल में वित्तीय अनियमितताओं के चलते बीसीसीआई ने मोदी को निलंबित कर दिया था. इसके बाद तो वह खुद को पाक साफ बताने के लिए संघर्ष करते रहे.
लेकिन एक बार फिर कांग्रेस के हाथों से सत्ता जाते ही और राजे की वापसी के बाद प्रदेश क्रिकेट मोदी के पीछे हो लिए हैं. वर्तमान में हुए चुनाव के बाद यह माना जा रहा है कि आईपीएल के निलंबित चेयरमैन ललित मोदी का क्रिकेट प्रशासन में फिर से वापसी होगी. ललित मोदी गुट ने 25 आरसीए इकाइयों के समथर्न से जीत का दावा किया है.
मोदी बनाम बीसीसीआई
जब मोदी सफलता के बुलंदियों पर थे तब उनका और बीसीसीआई के बीच के रिश्ते काफी मधुर थे लेकिन जब से एन. श्रीनिवासन ने बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में अपना पद संभाला तब से स्थितियां उनके विपरीत होती चली गई. आज बीसीसीआई और मोदी एक-दूसरे के दुश्मन बन चुके हैं. राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनाव में मोदी को रोकने के लिए बीसीसीआई ने ऐड़ी-चोटी का जोर लगाया लेकिन कामयाब नहीं हो पाए. बीसीसीआई ने तो धमकी भी दी थी कि अगर राजस्थान क्रिकेट संघ में ललित मोदी की वापसी होती है तो राज्य क्रिकेट संघ को निलंबित कर सकते हैं. फिलहाल राजस्थान क्रिकेट संघ का चुनाव भी एक तरह से ललित मोदी बनाम बीसीसीआई की टक्कर के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि मोदी का सामना श्रीनिवासन के करीबी माने जा रहे रामपाल शर्मा है.
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