आज भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी विदेशी जमीन पर पूरे जोश और विश्वास के साथ अपनी विरोधी टीमों को टक्कर दे रहे हैं. वह बात दूसरी है कि ज्यादातर मैचों में उन्हें हार नसीब हो रही है लेकिन एक वक्त था जब क्रिकेट खिलाड़ियों के अंदर साहस और उत्साह की कमी होती थी तब इस परंपरा को टाइगर के नाम से जाने जाने वाले मंसूर अली खान पटौदी ने तोड़ा. पटौदी साहसिक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे और फील्डरों के ऊपर से शाट खेलने से नहीं चूकते थे. वह परंपरागत सोच में यकीन नहीं रखने वाले कप्तान थे और हमेशा कुछ अलग करने की कोशिश में लगे रहते थे. महज 21 वर्ष की आयु में भारत की टेस्ट टीम के कप्तान बनने वाले पटौदी का आज जन्मदिन है.
क्रिकेट में ग्लैमर
क्रिकेट विश्लेषकों की मानें तो मंसूर पटौदी वह पहले शख्स थे जिन्होंने भारतीय क्रिकेट में ग्लैमर का मिश्रण किया था. पटौदी स्टाइलिश्ड किक्रेटर के साथ-साथ एक स्टाइलिश्ड शख्सियत भी थे. उनकी यही अदा हर किसी को खासकर हसीनाओं को काफी पसंद आती थी. उनके स्टाइलिश्ड लुक का ही कमाल था कि उस समय की टॉप हिरोइन शर्मिला टैगोर भी उन पर क्लीन बोल्ड हो गईं. यह पटौदी ही थे जिन्होंने क्रिकेट का कनेक्शन बॉलीवुड के साथ जोड़ा.
पटौदी और शर्मिला टैगोर के बाद अजहरुद्दीन-संगीता बिजलानी, युवराज-किम शर्मा, युवराज-दीपिका, धोनी-दीपिका और आजकल विराट कोहली और अनुष्का शर्मा के प्यार के चर्चे काफी सुनने को मिल रहे हैं.
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क्रिकेट में सफल लेकिन राजनीति में विफल
क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी से जलवे बिखेरने वाले मंसूर अली खान पटौदी ने राजनीति में भी हाथ आजमाया लेकिन उसमें वह कामयाब नहीं हो पाए. विधानसभा का पहला चुनाव उन्होंने वर्ष 1971 में पटौदी स्टेट(गुडग़ांव) से लड़ा, लेकिन यहां उन्हें शिकस्त मिली. वर्ष 1991 में उन्होंने भोपाल से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा प्रत्याशी सुशील चंद्र वर्मा से हार गए. इस चुनाव में खुद पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष राजीव गांधी ने उनके लिए चुनाव प्रचार किया था.
मंसूर अली खान पटौदी से जुड़ी कुछ खास बातें
1. मंसूर अली खान पटौदी का जन्म पांच जनवरी, 1941 को भोपाल के नवाब परिवार में हुआ.
2. उनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के वेल्हम बॉयज स्कूल में हुई. हालांकि उच्च शिक्षा प्राप्त करने वह इंग्लैण्ड के विनचेस्टर कॉलेज और ऑक्सफोर्ड भी गए.
3. वर्ष 1961 में पटौदी ने अपना क्रिकेट कॅरियर शुरू किया और एक साल बाद ही 1962 में उन्हें टेस्ट टीम की कप्तानी सौंप दी गई. उन्होंने 40 टेस्ट मैचों में कप्तानी की.
4. मंसूर अली खान पटौदी महज 21 साल की उम्र में भारत के कप्तान बने और अपनी कप्तानी में पहली बार भारत को विदेशी धरती पर जीत दिलवाई.
5. मंसूर अली खान पटौदी ने कुल 46 टेस्ट मैच खेले जिसमें 6 शतक और 7 अर्द्धशतक शामिल हैं. उनका सर्वाधिक स्कोर 203 है जबकि बल्लेबाजी औसत 34.91 है.
6. 22 सितंबर, 2011 को इस बेहद बिंदास शख्सियत की मृत्यु हो गई.
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