भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार शुरुआत की, इसी के साथ शमी ने वनडे क्रिकेट में अपने 100 विकेट भी पूरे कर लिए। शमी भारत की तरफ से सबसे तेज 100 विकेट तक पहुंचने वाले गेंदबाज बने। 28 साल के इस होनहार खिलाड़ी की रफ्तार इस कदर प्रतिद्वंद्वियों पर हावी रहा और ‘मैन ऑफ द मैच’ भी चुने गए। ऐसे में चलिए एक नजर मोहम्मद शमी के सफर पर।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा से हैं शमी
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने वाले मोहम्मद शमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा के गांव सहसपुर अलीनगर से हैं। एक किसान परिवार में पैदा हुए शमी ने अपने दम पर टीम इंडिया में जगह बनाई। वो कई सालों से भारतीय टीम में हैं और चोटिल होने के कारण कई बार टीम से बाहर भी हो चुके हैं। शमी ने कई मौको पर भारत को अपने शानदार गेंदबाजी से मैच में जीत दिलाई है।
किसान परिवार में पैदा हुए थे शमी
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले के इसी गाँव में किसान परिवार में पैदा हुए मोहम्मद शमी ने टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ के रूप में पहचान बनाई है। शमी को प्यार से वो लोग सिम्मी कहते है, शमी को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था। वो घर के आँगन में, छत पर, बाहर खाली पड़ी जगह में गेंदबाजी करने लगते थे।
कब्रिस्तान की खाली ज़मीन पर करते थे गेंदबाजी
शमी की रफ़्तार ने बहुत कम उम्र में ही उन्हें आसपास के गाँवों में लोकप्रिय बना दिया, वह स्थानीय क्रिकेट टूर्नामेंट का आकर्षण होते। गाँव में उनके घर के पीछे क़ब्रिस्तान है और इसी क़ब्रिस्तान की खाली ज़मीन शमी के लिए पहला मैदान बनी। शमी ने यहीं पिच बनाई और गेंदबाज़ी का अभ्यास करने लगे। बचपन में शमी टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलते थे, टेनिस की गेंद से भी उनकी रफ़्तार बल्लेबाज़ों में ख़ौफ़ पैदा कर देती।
उत्तर प्रदेश से कोलकाता तक का सफर
कोच बदर अहमद ने शमी को उत्तर प्रदेश में ट्रायल देने को कहा लेकिन वो चुने नहीं गए, ऐसे में उनके कोच ने उन्हें कोलकाता में क्लब क्रिकेट खेलने के लिए भेज दिया। यहाँ शमी ने क्रिकेट का सही प्रशिक्षण लिया। अभ्यास के लिए उन्होंने गाँव में खाली पड़ी अपनी जमीन पर सीमेंट से पिच बनाई, गोबर के उपलों और घूड़ी (भूसा या पुआल) के बीच शमी प्रैक्टिस करते।
2013 में चुने गए भारतीय टीम में
मोहम्मद शमी टीम इंडिया के लिए चयनित होने से पहले पश्चिम बंगाल की ओर से रणजी क्रिकेट खेलते थे। मात्र 15 फ़र्स्ट क्लास मैच खेलने के बाद ही जनवरी 2013 में उनका चयन टीम इंडिया में हो गया। छह जनवरी 2013 को दिल्ली के फ़िरोज़ शाह कोटला मैदान पर शमी ने अपना पहला वनडे मैच खेला था।
डेब्यू मैच में फेंका था चार मेडन
शमी ने पहले ही मैच में चार मेडिन ओवर फेंककर अपनी प्रतिभा की झलक दिखला दी थी, डेब्यू मैच में ऐसा करने वाले वो पहले भारतीय गेंदबाज़ भी बने। सचिन की ऐतिहासिक विदाई सीरीज से शमी ने टेस्ट में आग़ाज़ किया। कोलकाता के ईडन गार्डन पर अपने पहले टेस्ट में नौ विकेट लेकर उन्होंने अपनी रफ़्तार का लोहा मनवाया था।
सबसे तेज 100 वनडे विकेट
बेहतरीन फॉर्म में चल रहे भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने वनडे क्रिकेट में अपने 100 विकेट पूरे कर लिए हैं। शमी ने 56वें वनडे में यह कारनामा किया। नेपियर वनडे में खेलने से पहले शमी के नाम 99 वनडे विकेट थे। न्यूजीलैंड के ओपनर मार्टिन गुप्टिल का विकेट हासिल कर शमी ने 100 वां पूरा किया। मोहम्मद शमी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलते हुए वनडे में 100वां विकेट हासिल किया। इस मुकाम तक पहुंचने के मामले में शमी ने बाकी सभी भारतीय गेंदबाजों को पीछे छोड़ दिया। शमी ने 56 वें वनडे में यह कारनामा किया। शमी से पहले इरफान पठान के नाम ऐसा करने का रिकॉर्ड था। पठान ने 59 वनडे में अपने 100 विकेट पूरे किए थे। तीसरे नंबर पर जहीर खान हैं जिनको 100 वनडे विकेट हासिल करने 65 मैच की जरूरत पड़ी थी।
पिछला साल था बेहद कठिन
28 साल के इस गेंदबाज को पिछले साल अपनी पत्नी के घरेलू हिंसा के आरोपों का भी सामना करना पड़ा था। वह पिछले साल जून में अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट से पहले ‘यो यो’ फिटनेस परीक्षण में विफल हो गए थे। इसके अलावा हाल ही में शमी की वापसी की शुरुआत आस्ट्रेलिया से हुई, जिसमें उन्होंने टेस्ट सीरीज के दौरान 16 विकेट चटकाए थे।…Next
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