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मुंबई इंडियंस बनी चैंपियनों की चैंपियन

ICLएकजुट प्रदर्शन और पूरी ताकत के बल पर आईपीएल की मुंबई इंडियंस ने चैंपियन लीग में जीत हासिल कर ली है. दुनिया भर के बेहतरीन टी-ट्वेंटी लीग के बादशाहों के बीच दो भारतीय टीमों ने आखिरी मुकाबले में एक दूसरे का सामना किया. यहां यह गौर करने वाली बात है कि पिछले तीनों संस्करण में भारतीय टीमों का प्रदर्शन औसत था पर इस बार भारतीय टीमों ने ही सबसे ज्यादा कमाल दिखाया.


ICL_Cricket_388873बादशाहों का फाइनल

चैंपियंस लीग 2011 के फाइनल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर और मुंबई इंडियंस आमने सामने थीं. मुंबई पहले बल्लेबाजी करते हुए 139 रन पर आउट हो गया था लेकिन उसने बेंगलूर को 108 रन पर ही ढेर कर दिया.


मुंबई इंडियंस की टीम जब 20 ओवर में 139 रन पर सिमट गई तो मैच पर बेंगलूर का पलड़ा भारी लगने लगा था. हरभजन ने हालांकि चेपक के धीमे विकेट पर अपने गेंदबाजों का अच्छी तरह से इस्तेमाल करके बेंगलूर के लिए यह स्कोर भी पहाड़ जैसा बना दिया. बेंगलूर की टीम आखिर में 19.2 ओवर में 108 रन पर ढेर हो गई.


MI vs RCBबेंगलूर का इस तरह से बड़े मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने का खराब रिकार्ड बरकरार रहा. उसकी टीम दो बार आईपीएल फाइनल में हार चुकी है जिसमें इस साल का टूर्नामेंट भी शामिल है.


क्रिस गेल, तिलकरत्ने दिलशान और विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों के रहते हुए बेंगलूर के लिए यह स्कोर मुश्किल नहीं लग रहा था. दिलशान से अच्छी शुरुआत मिलने के बावजूद उसके बल्लेबाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया. गेल के आउट होने के बाद कोहली भी चलते बने और उसके बाद तो जैसे आया राम गया राम की हालत हो गई. 108 रनों पर ही बेंगलूर की पूरी टीम पस्त हो गई.


ICLचैंपियनों की ताज पोशी

मुंबई इंडियंस की यह किसी भी टूर्नामेंट में पहली खिताबी जीत है जिससे उसे 25 लाख डालर की इनामी राशि मिली. न्यू साउथ वेल्स के डेविड वार्नर (328 रन) को गोल्डन बैट जबकि त्रिनिदाद एवं टोबैगो के रवि रामपाल (12 विकेट) गोल्डन विकेट के हकदार बने. मालिंगा को गेंदबाजी के अलावा बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन करने के लिए टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया. उन्हें मुख्य टूर्नामेंट में सर्वाधिक दस विकेट लेने के लिए गोल्डन गेंद का पुरस्कार भी मिला.


औसत रहा चैंपियंस लीग

शाहरुख खान जैसे ब्रांड नेम और दुनिया भर के बेहतरीन क्रिकेटरों के बावजूद चैंपियंस लीग 2011 में दर्शकों का टोटा लगा रहा. कई मैचों में तो दर्शक इतने कम थे कि उन्हें आप अपनी अंगुली पर गिन सकते थे. हालांकि फाइनल मैच में रोमांच और दर्शकों की भीड़ जरूर देखने को मिली.


अब सभी की निगाहें आगामी भारत और इंग्लैण्ड श्रृंखला पर टिकी हैं जब इंग्लैण्ड के धुरंधर भारत के दौरे पर आएंगे.


बेस्ट ऑफ चैंपियंस लीग 2011 पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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