भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट के मैदान पर मुकाबले का इंतजार क्रिकेटप्रेमियों को बेसब्री से रहता है। मगर दोनों देशों के बीच तनाव की वजह से 2012 के बाद से कोई भी द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली जा सकी। इसे लेकर पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और कोच जावेद मियांदाद ने हाल ही में अपने देश के क्रिकेट बोर्ड से निकट भविष्य में भारत से खेलने के बारे में भूलने और खेल ढांचे में सुधार पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि PCB को द्विपक्षीय मैचों के लिए BCCI से भीख मांगने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, मामले को लेकर पीसीबी के रुख को देखें, तो हकीकत जावेद के बयान से अलग नजर आती है। खबरों की मानें, तो पीसीबी ने सीरीज खेलने के लिए मिन्नतें और गुजारिशें की, लेकिन बीसीसीआई ने इसकी मंजूरी नहीं दी। बीसीसीआई के इस कदम से पीसीबी की माली हालत खराब हो गई है। पीसीबी आईसीसी के सामने बीसीसीआई से 7 करोड़ डॉलर हर्जाने के रूप में मांग रहा है। आइये बताते हैं क्या है पूरा मामला।
पाक को एक सीरीज से 600 करोड़ का नुकसान!
दरअसल, 2012 से दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं हुई है। खबरें हैं कि 2015 में दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड ने 2023 तक 6 द्विपक्षीय सीरीज खेलने का करार किया था। करार के बाद दोनों देशों के बीच तल्ख संबंधों का असर क्रिकेट सीरीज पर भी पड़ा। भारत-पाक के बीच कोई सीरीज नहीं खेली जा सकी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान को भारत के साथ एक सीरीज न खेलने से 600 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
एंडोर्समेंट से मिलने वाली राशि भी हो जाती है आधी
खबरों की मानें, तो पीसीबी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि टीम इंडिया के पाकिस्तान न आने से पाक दो सीरीज नहीं खेल पाया। इस कारण उसे 20 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ। यानी एक सीरीज पर 10 करोड़ डॉलर का नुकसान। भारतीय मुद्रा में यह नुकसान करीब 600 करोड़ रुपये के करीब हुआ। टीम इंडिया के साथ सीरीज न होने के कारण पीसीबी को एंडोर्समेंट से मिलने वाली राशि भी आधी हो जाती है। दोनों देशों के बीच सीरीज के कारण उसे पहले 15 करोड़ डॉलर पांच साल के लिए मिलने वाले थे, लेकिन इसमें से आधे पैसे ही मिलेंगे।
गिड़गिड़ाना छोड़ दे पीसीबी- जावेद मियांदाद
उधर, इस मामले को लेकर हाल ही में जावेद मियांदाद ने कहा कि पीसीबी को निकट भविष्य में भारत के साथ पाकिस्तान का क्रिकेट सीरीज कराने का इरादा छोड़ देना चाहिए। उन्हें देश में क्रिकेट को बढ़ावा देने पर ध्यान देना चाहिए। भारत हमारे साथ नहीं खेलना चाहता और अगर वो हमारे साथ नहीं खेलेंगे, तो हमारा क्रिकेट खत्म नहीं हो जाएगा। हमें अब इससे आगे निकलना चाहिए और इस बात को भूल जाना चाहिए। पीसीबी को बीसीसीआई के सामने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सीरीज के लिए गिड़गिड़ाना नहीं चाहिए। अगर लगभग पिछले 10 वर्षों से उन्होंने हमारे साथ नहीं खेला है, तो क्या इससे हमारा क्रिकेट खत्म हो गया है क्या, नहीं हमने अच्छा ही किया है। हमने चैंपियंस ट्रॉफी जीती और ये सबसे अच्छा उदाहरण है। मियांदाद ने पीसीबी से आग्रह किया कि उन्हें अपने इनकम को सही तरीके से मैनेज करने की जरूरत हैं। मियांदाद के बयान और पीसीबी की मिन्नतों और हर्जाने की मांग से तो यही लगता है कि पूर्व पाकिस्तानी कप्तान का बयान पाकिस्तान की ‘चिढ़’ है…Next
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