कुछ साल पहले एक अध्ययन में कहा गया था कि भारत सहित अन्य दूसरे देशों में टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता लगातार घट रही है. टी-20 के तमाशे वाले इस दौर में टेस्ट के दर्शक सबसे ज्यादा कम हुए हैं. इस बात को न केवल यह अध्ययन ही बल्कि खिलाड़ी और खेल विशेषज्ञ भी मानते हैं.
टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को बचाने की अपील करते हुए भारत के पूर्व खिलाड़ी राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने कहा कि टेस्ट मैच एक तरह से क्रिकेट रूपी वृक्ष का तना है और क्रिकेट के नए स्वरूप टी-20 और वनडे इसकी डालियां हैं. एक पेड़ की डाली पर ही फल लगते हैं. तना असल में जीवन का संचार करता है क्योंकि इसी के माध्यम से डालियों को जीवन मिलता है. अगर आप तने को काटेंगे तो पेड़ गिर जाएगा और फल सूख जाएंगे और अगर दूसरी ओर अगर आप डालियों को काटेंगे तो फल सूख जाएंगे और तना बेजान दिखने लगेगा.
समाज की विसंगतियों पर चोट करने वाला व्यंग्यका
टेस्ट क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ी राहुल द्रविड (Rahul Dravid) ने टी-20 और टेस्ट मैच की तुलना करते हुए कहा कि टी-20 क्रिकेट फास्ट फूड की तरह है और टेस्ट मैच सलीके से बैठकर खाया जाने वाला पारंपरिक व्यंजन. टेस्ट क्रिकेट में नंबर तीन पर भारतीय दीवार रहे राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने पिछले साल जुलाई में टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए कुछ इसी तरह का बयान दिया था. उन्होंने कहा कि अगले एक दशक में टेस्ट क्रिकेट को अपना वजूद बचाए रखने के लिये काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि बच्चे इस खेल के पारंपरिक स्वरूप की बजाय टी-20 क्रिकेट को तरजीह दे सकते हैं.
द्रविड़ से पहले भी कई जानकार यह मान चुके हैं कि टी-20 क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता टेस्ट क्रिकेट के लिए खतरा है. विशेषज्ञों का मानना है कि टी-20 क्रिकेट मनोरंजन के लिए अच्छा है, लेकिन अगर इसकी लोकप्रियता इसी तरह बढ़ती रही तो यह क्रिकेट के कंसेप्ट को ही खत्म कर देगा.
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