राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट का वो सितारा हैं, जिन्होंने क्रिकेट जगत को अपना कायल बनाया। फैंस ही नहीं, आलोचक भी उनकी सराहना करते हैं। ‘द वॉल’ के नाम से मशहूर द्रविड़ शानदार खिलाड़ी के साथ-साथ एक बेहतरीन इंसान के तौर पर भी जाने जाते हैं। द्रविड़ की एक खासियत है उनका शांत व्यवहार। वे क्रिकेट खेलने के दौरान विरोधी टीम के खिलाड़ियों द्वारा स्लेजिंग का शिकार भी हुए, लेकिन कभी अपनी इस खासियत को नहीं छोड़ा। हां, इतना जरूर है कि स्लेजिंग का जवाब उन्होंने बल्ले से दिया। आइये आपको एक ऐसा ही किस्सा सुनाते हैं, जब द्रविड़ ने स्लेजिंग के जवाब में अपनी बल्लेबाजी से ऑस्ट्रेलिया का ‘विजय रथ’ रोक दिया।
द्रविड़ ने खेली थी 180 रनों की दमदार पारी
2001 में ईडन गार्डन्स टेस्ट में वीवीएस लक्ष्मण (281) के साथ रिकॉर्ड 376 रनों की साझेदारी करने वाले ‘द वॉल’ के नाम से मशहूर द्रविड़ ने भी 180 रनों की दमदार पारी खेली थी। इन दोनों की साझेदारी की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया के लगातार 16 टेस्ट जीत के विजय रथ को 17वें टेस्ट में रोक दिया था। इस मुकाबले में फॉलोऑन के दबाव से उबरकर टीम के जीत तक के सफर ने इस टेस्ट को सबसे यादगार टेस्ट मैच में शुमार किया। मगर राहुल द्रविड़ इसकी वजह ऑस्ट्रेलिया के एक खिलाड़ी को मानते हैं। राहुल द्रविड़ ने बताया कि इस टेस्ट में उन्हें दमदार प्रदर्शन करने की प्रेरणा विपक्षी कप्तान स्टीव वॉ से ही मिली थी।
ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान स्टीव वॉ ने किया था स्लेज
दरअसल, इस ऐतिहासिक पारी से पहले जब राहुल द्रविड़, सौरभ गांगुली के आउट होने के बाद मैदान पर आए, तब उन्हें ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन कप्तान स्टीव वॉ ने स्लेज किया था। राहुल द्रविड़ ने स्टीव वॉ की स्लेजिंग को अपने दमदार प्रदर्शन की प्रेरणा बना लिया। कुछ महीने पहले एक कार्यक्रम में राहुल द्रविड़ ने खुलासा किया था कि उस सीरीज में और उससे पहले मैं (राहुल द्रविड़) रनों के लिए लगातार संघर्ष कर रहा था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैं मुंबई टेस्ट में भी फ्लॉप रहा और मैंने कोलकाता टेस्ट की पहली पारी में भी रन नहीं बनाए थे। इस कारण टीम मैनेजमेंट ने मेरे बैटिंग क्रम में भी बदलाव कर दिया और मुझे खिसकाकर नंबर 6 पर बैटिंग के लिए कहा।
इंडिया के नाम हुई सीरीज
राहुल द्रविड़ ने बताया था कि जब मैं दूसरी पारी में बैटिंग पर आया, तो विपक्षी टीम के कैप्टन स्टीव वॉ ने मुझे कहा, राहुल अब नंबर 6 पर आ गए, अगले मैच का क्या? क्या नंबर 12 पर दिखोगे?’ द्रविड़ ने कहा कि उस वक्त मेरे पास अपने अतीत या अपने भविष्य पर सोचने का मौका नहीं था। मैंने उसे पारी पर फोकस किया। वैसे भी किसी भी क्रिकेटर के पास एक वक्त में एक बॉल पर ही फोकस करने का समय होता है। जब मेरी यह पारी खत्म हुई, तो मैं 180 रन बना चुका था। इस टेस्ट में कंगारू टीम से पिछड़ रही टीम इंडिया अब कंगारू टीम को दबाव में घेर चुकी थी। अंत में हमने यह मैच जीता और इसके बाद अगला मैच जीतकर यह सीरीज भी अपने नाम कर ली।’ लगातार 16 टेस्ट जीतने के बाद भारत के हाथों एक के बाद एक लगातार दो टेस्ट गवांकर स्टीव वॉ की इस टीम ने सीरीज भी गवां दी थी…Next
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