विश्वकप 2011 के बाद से ही भारतीय टीम में एक हरफनमौला खिलाड़ी की कमी बहुत ज्यादा होने लगी थी. उस समय युवराज सिंह भी अपनी बीमारी (कैंसर) के चलते टीम से बाहर चल रहे थे हालांकि बाद में उनकी टीम में वापसी भी हुई. इस दौरान रविंद्र जडेजा के रूप में भारतीय टीम को एक ऐसा हरफनमौला खिलाड़ी मिल गया था जिसने न केवल गेंदबाजी बल्कि बल्लेबाजी में भी जौहर दिखाए.
रविंद्र जडेजा का जन्म 6 दिसंबर, 1988 को गुजरात के जामनगर में हुआ. वह भारतीय क्रिकेट टीम के दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं. वह बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी का मोर्चा भी संभालते हैं. जडेजा फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सौराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग की तरफ से खेलते हैं. वह आईपीएल 5 की नीलामी में सबसे महंगे क्रिकेटर रहे. उन्हें चेन्नई सुपर किंग ने नौ करोड़ 72 लाख रुपये में खरीदा.
गेंदबाज होते हुए शानदार बल्लेबाजी
पिछले साल रवींद्र जडेजा ने सौराष्ट्र की तरफ से खेलते हुए रेलवेज के खिलाफ रणजी मैच में अपना शानदार तीसरा तिहरा शतक लगाया था. उन्होंने नॉटआउट 320 रन की पारी खेली, जिसकी बदौलत सौराष्ट्र ने छह विकेट पर 534 रन बनाए थे. जडेजा ने अपनी साढ़े ग्यारह घंटे की पारी में 491 गेंद का सामना करके 28 चौके और सात छक्के लगाए. इससे पहले उन्होंने पिछले महीने गुजरात के खिलाफ भी नाबाद 303 रनों की पारी खेली थी. इस सीजन के दो तिहरे शतकों के अलावा उन्होंने नवंबर 2011 में भी रणजी ट्राफी के मैच में 314 रनों की शानदार पारी खेली थी. तीन ट्रिपल सेंचुरी लगाने के साथ ही जडेजा यह कारनामा करने वाले दुनिया के आठवें नंबर के बैट्समैन बन गए थे. जडेजा से पहले सात बैट्समैन जिसमें सर डॉन ब्रैडमैन, ब्रायन लारा, बिल पोंसफोर्ड, वाली हामंड, डब्ल्यू जी ग्रेस, ग्रीम हिक और माइक हसी शामिल हैं उन्होंने तीन शतक लगाए हैं. भारत में दोहरे शतक लगाने वाले खिलाड़ी विजय हजारे, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग, रमन लाम्बा और वसीम जाफर शामिल हैं. इसमें सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ नहीं शामिल हैं. अपनी इस शानदार पारी की बदौलत जडेजा भारतीय टीम में सर रवींद्र जडेजा के रूप में पहचाने जाने लगे.
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जडेजा ने अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों की 89 पारियों में 30.90 की औसत से 1267 रन बनाए हैं जिसमें 6 अर्द्धशतक शामिल हैं. इस दौरान जडेजा ने 108 विकेट भी लिए. इसके अलावा जडेजा ने भारतीय टीम के लिए 5 मैच खेलते हुए 27 विकेट भी लिए हैं. फिलहाल जडेजा आईसीसी की एकदिवसीय गेंदबाजी रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं.
मैदान पर अपने ही खिलाड़ी से भिड़े
इसी साल जुलाई में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए एक मैच में रवींद्र जडेजा की गेंदबाजी के दौरान सुरेश रैना ने दो कैच छोड़ दिया. इसके बाद जडेजा अपने से सीनियर रैना से मैदान में ही भिड़ गए. कप्तान विराट कोहली को बीच-बचाव करना पड़ा. मैदान पर जो कुछ हुआ उससे टीम इंडिया को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी. रवींद्र जडेजा का उग्र व्यवहार टीम ने पहली बार देखा था.
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