हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के दीवार और सबसे भरोसेमंद क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने वनडे से सन्यास ले लिया. हालांकि वह आगे टेस्ट खेलते रहेंगे लेकिन एक दिवसीय मैचों में रंगीन वर्दी पहनकर भारत की तरफ से वह दुबारा नजर नहीं आएंगे. राहुल द्रविड़ के जाने से भारतीय क्रिकेट टीम में एक ऐसी जगह खाली हो गई है जिसे भर पाना हाल के सालों में नामुमकिन लगता है. लेकिन यह तो फिर भी वनडे का हाल था गलती से कहीं उन्होंने अगर टेस्ट से सन्यास ले लिया तो हालत का अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल है.
हालिया टेस्ट श्रृंखला में भारतीय युवा ब्रिगेड पूरी तरह फेल होती नजर आई है. सुरेश रैना, विराट कोहली, रोहित शर्मा, रविन्द्र जडेजा जैसे युवा टेस्ट मैचों में कुछ खास नहीं कर पाए. युवराज सिंह, हरभजन जैसे अनुभवी भी कुछ ज्यादा नहीं कर पाए हैं. ऐसे में अगर किसी पर यकीन किया जा सकता है तो वह हैं द्रविड़, लक्ष्मण, सचिन. भारतीय टीम की यह त्रिमूर्ति क्रिकेट की सबसे अनुभवी सितारों से भरी है. अगर इस त्रिमूर्ति का एक भी सितारा अपनी जगह छोड़ देता है तो उसे भर पाना हाल के सालों में शायद मुमकिन ना हो.
अगर आपको याद हो तो दो-तीन साल पहले सौरभ गांगुली और कुंबले ने एक साथ सन्यास लिया था जिसकी वजह से टीम से दो अहम जगहें खाली हो गई थीं. और यकीन मानिए आज तक टीम प्रबंधन इन दोनों महान खिलाड़ियों का विकल्प नहीं ढूंढ़ सका है. हरभजन और गंभीर ने अपनी तरफ से बेहतरीन कोशिश की है पर अभी भी वह उस लायक नहीं हो पाए हैं कि उनका भरोसा किया जाए.
भरोसा ही वह चीज है जिसकी वजह से भारत के अनुभवी खिलाड़ी आज महान बने हुए हैं. टेस्ट में जब भी द्रविड़ बल्लेबाजी करने उतरते हैं तो सबको उम्मीद होती है कि वह देर तक टिके रहेंगे. इसी तरह सचिन अगर 30-35 रन से ज्यादा बना लें तो सबको उम्मीद होती है कि वह शतक ठोकेंगे. हाल के सालों में जब कभी मैच फंसा है तो सबको संकटमोचक के रूप में लक्ष्मण की जरूर याद आई है जिन्होंने छोटी-छोटी ही सही लेकिन अपनी उपयोगी पारियों से भारत को जीत दिलाई है.
लेकिन इन तीनों के अलावा अगर हम टेस्ट में सहवाग, जहीर खान और हरभजन को छोड़ दें कोई भी खिलाड़ी यह अहसास दिलाने में असफल रहा है कि वह फंसे हुए टेस्ट मैच में भी भारत को बचा लेगा
ऐसे में इन खिलड़ियों को अभी अपना सन्यास नहीं लेना चाहिए. खुद गांगुली ने भी कहा है कि सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों को क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में खुद फैसला लेना चाहिए. जिस दिन उनका प्रदर्शन खराब होगा, वह खुद संन्यास ले लेंगे.
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