शोएब अख्तर और विवादों का साथ चोली-दामन का हो गया है. दोनों का साथ हमेशा साए की तरह होता है जहां एक हो वहां दूसरा अपने आप आ ही जाता है. टीम से बाहर किया गया तो अख्तर मियां ने सन्यास लेकर किताब लिखना शुरू किया. किताब भी लिखी तो विवादों का मसाला लपेट दिया. जिस बल्लेबाज ने 16 साल की उम्र में पाकिस्तान की तेज गेंदबाजी आक्रमण वसीम और वकार यूनुस जैसे महारथियों का दिलेरी से सामना किया उस पर महाशय ने अपनी गेंदों से डरने का आरोप लगाया तो जिस दीवार ने भारत को ना जाने कितने मैचों में जिताया उसे एक औसत बल्लेबाज करार दिया. हद तो तब हो गई जब उन्होंने अपनों को भी नहीं बख्शा.
‘रावलपिंडी एक्सप्रेस’ के नाम से मशहूर पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भारत के दिग्गज बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ की काबिलियत पर सवाल उठाए हैं. साथ ही आईपीएल में भुगतान को लेकर शाहरुख खान की भी आलोचना की.
पाक के विवादास्पद खिलाड़ी ने अपनी आत्मकथा ‘कंट्रोवर्शियली योर्स’ में कहा कि तेंदुलकर फैसलाबाद ट्रैक पर उनकी तेजी का सामना करने से डरते थे. उन्होंने यह भी दावा किया है कि तेंदुलकर और द्रविड़ मैच विजेता नहीं हैं और न ही वे मैच जीत कर समाप्त करने की कला जानते हैं. बाद में अख्तर ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते कहा कि वह सिर्फ एक दिन की घटना की बात कर रहे थे.
अख्तर ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में राजनीति के बारे में भी लंबी बात की है और उन्होंने दो पूर्व कप्तानों वसीम अकरम और शोएब मलिक पर भी आरोप लगाए. उन्होंने मलिक को पीसीबी अध्यक्ष नसीम अशरफ का चमचा करार किया और कहा कि तभी उन्हें [मलिक को] कप्तानी सौंपी गई थी.
रावलपिंडी एक्सप्रेस ने अपनी आत्मकथा में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) में भेदभाव, बोर्ड के अक्खड़ रवैये, अपनी बेइज्ज़ती और गेंद से छेड़छाड़ व साथी खिलाडियों पर बल्ले से हमला करने समेत कई घटनाओं का जिक्र किया है.
और हां, जो यह सब आरोप लगा रहे हैं उस अख्तर के बारे में भी कुछ सच जानिए. यह वही शोएब अख्तर हैं जो हमेशा टीम में अंदर बाहर होने की वजह से अपने टेस्ट कॅरियर में सिर्फ 46 टेस्ट मैच ही खेल पाए और वनडे मैचों में तो वह बारह साल से भी ज्यादा सक्रिय रहे पर मैच खेले मात्र 163. बेशक शोएब अख्तर खुद में एक बेहतरीन तेज गेंदबाज और खिलाड़ी थे लेकिन वह कभी भी अपनी टीम में जगह नहीं बना पाए.
शोएब अख्तर के साथ उनके सभी कप्तानों की लड़ाई हमेशा अखबारों की सुर्खियां रहीं. यहां तक की कोच के साथ भी उनकी तनातनी रहती थी. जब वह अपनी टीम के ही नहीं हो पाए तो किसी दूसरे के क्या होंगे. शोएब अख्तर के कॅरियर में उन पर गेंद से छेड़छाड़, ड्रग्स, गाली-गलौच से लेकर मैदान पर साथी खिलाड़ी के साथ मारपीट तक के आरोप लग चुके हैं और कई मामलों में सजा भी हो चुकी है.
और हां, जिस सचिन को यह अपनी बाउंसर से डराना चाहते हैं उन्होंने ही 2003 के विश्व कप में शोएब अख्तर की गेंद पर क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन शॉट्स में से एक को खेला था. हालांकि यह कहना गलत होगा कि शोएब एक गंदे इंसान हैं क्यूंकि शोएब अख्तर हमेशा ही एक विवादित इंसान रहे हैं या फिर आप यूं कहें कि उन्हें विवादों से लगाव है. उन्होंने अपनी किताब को बेचने के लिए इस तरह के फंडे इस्तेमाल करने की मात्र कोशिश की है. असल जिंदगी में शोएब भी एक इंसान हैं और प्रेस कांफ्रेस में उन्होंने सचिन की तारीफों के पुल बांध साफ कर दिया कि जो कुछ किताब में है वह सिर्फ ऊपरी मसाला है.
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