कोलकता टेस्ट में जीत के हीरो रहे बंगाल के युवा गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा है कि मेरे लिए यह बड़ी चीज है कि मैंने उस मैच से अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया जिसमें सचिन तेंदुलकर खेल रहे थे. यह मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है कि मैं सचिन के साथ खेला पाया. मैं अपना यह प्रदर्शन तेंदुलकर को समर्पित करता हूं.
मोहम्मद शमी की तरह ही भारतीय क्रिकेट टीम में ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं या फिर थे, जिन्होंने तेंदुलकर के साथ खेलकर अपने क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत की. इसमे कोई शक नहीं है कि इन खिलाड़ियों की तरह ही आगे की पीढ़ी भी सचिन को अपना आर्दश मानेगी.
मौत के बाद भी वह हर पल साथ रहती थी
महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर पिछले तीन दशक से उन पीढ़ियों के लिए केंद्र बिन्दु बने हुए हैं जिन्होंने सचिन को अपना आदर्श माना है. सचिन ने 1989 में जब अपने क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत की थी तभी से क्रिकेट के जानकारों को यह महसूस होने लगा था कि आने वाले वक्त में भारत को एक महान खिलाड़ी मिलने वाला है. सचिन की इस खूबी को एक घटना के जरिए अच्छी तरह व्यक्त किया जा सकता है.
एक बार मैदान पर सचिन को बच्चों के समूह ने घेर लिया और ऑटोग्राफ लेने लगे और मुंबई रणजी टीम के कप्तान रहे रेगे और महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर देखते रहे. तब गावस्कर ने रेगे से कहा कि ‘सचिन को कहो कि वह अपने साइन ठीक से दें ताकी सब उसका नाम पढ़ सकें, ये नाम आगे चलकर बहुत बड़ा होने वाला है’. उस समय सचिन की उम्र महज 15 साल की थी.
जब सचिन अपने बेहतर बल्लेबाजी से दुनिया में पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे उस समय कई सीनियर खिलाड़ी क्रिकेट से संन्यास ले चुके थे. उनके साथ खेलने वालों में कपिल देव जैसे महान खिलाड़ी भी शामिल थे. सचिन तेंदुलकर ने इमरान खान जैसे घातक गेंदबाजों को बड़े ही सहजता के साथ खेला. यह वो वक्त था जब क्रिकेट हर घर में दस्तक दे चुका था. लोगों में क्रिकेट के प्रति प्रेम अब मैदान से बाहर निकल चुका था और क्रिकेट गली-मोहल्लों में भी लोकप्रिय होने लगा था. उस समय सचिन ने न केवल इस खेल को एक नई ऊंचाई दी बल्कि परंपरा के विरुद्ध जाकर क्रिकेट खेलने के अंदाज को ही बदल दिया. सचिन ने मैदान पर खेलकर बताया कि पिच पर टिककर कैसे तेजी से रन बनाए जाते हैं. ये वो दौर था जब क्रिकेट ने स्वयं अपने आप को बदलते हुए देखा क्योंकि उबाऊ सी लगने वाले क्रिकेट को सचिन ने अपनी तेज-तर्रार बल्लेबाजी से रोचक बना दिया.क्रिकेट में यही रोचकता आज टी20 और आईपीएल जैसे क्रिकेट लीग में देखने को मिलती है.
अब सचिन के संन्यास में केवल एक मैच का ही समय रह गया है इसलिए वह खिलाड़ी अपने आप को ज्यादा भाग्यशाली मान रहे हैं जिन्होंने इस लेजेंड के साथ खेला है. भाग्यशाली मानने वालों में वह लोग भी हैं जिन्होंने सचिन को मैदान पर शॉर्ट खेलते हुए देखा है.
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