कुछ महीने पहले जब आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम भारत के दौरे पर थी तब चयनकर्ताओं ने सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर की जगह टेस्ट क्रिकेट के लिए मुफीद मुंबई के बल्लेबाज वसीम जाफर को छोड़कर युवा खिलाड़ी शिखर धवन पर भरोसा जताया था. उस समय हर तरफ से आवाज उठ रही थी आखिर चयनकर्ताओं ने फॉर्म में रहे वसीम जाफर को दरकिनार करके उस बल्लेबाज पर क्यों भरोसा जताया जिसके पास अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का थोड़ा बहुत भी अनुभव नहीं था.
खैर आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के खिलाफ गौतम गंभीर की जगह शिखर धवन का चयन हो चुका था. मोहाली में शिखर धवन ने अपने पहले टेस्ट मैच में 187 रन की आतिशी पारी खेलकर न केवल अपने विरोधियों को चकित किया बल्कि उस मैच में उन्होंने अपना पहला मैन ऑफ द मैच का खिताब भी अपने नाम किया. यही नहीं धवन प्रर्दापण टेस्ट मैच में सबसे तेज शतक (85 गेंद) लगाने वाले बल्लेबाज भी बने. वह ऐसे दूसरे भारतीय बन गए जिसे अपने पहले मैच में ही मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला था. इससे पहले प्रवीण आमरे ने साल 1992 में अपने पहले मैच में शतक जड़ कर मैन ऑफ द मैच का खिताब जीता था. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध डरबन में 299 गेंदों पर 103 रनों की पारी खेली थी.
कुछ इसी तरह की धमाकेदार एंट्री शिखर धवन ने एकदिवसीय मैचों में की. चैंपियन्स ट्रॉफी के पहले मैच में सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 80 गेंदों पर शतक पूरा किया और इस तरह से टेस्ट और वनडे में अपना पहला शतक 100 से कम गेंदों पर पूरा करने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बने.
भविष्य का सपना लिए बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपना छठा एकदिवसीय मैच खेलते हुए पहला शतक जमाया था. वह पूर्व सलामी बल्लेबाज के. श्रीकांत और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के बाद तीसरे भारतीय बल्लेबाज हैं जिसने इन दोनों प्रारूपों में अपना पहला शतक 100 से कम गेंदों में पूरा किया.
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5 दिसंबर, 1985 को दिल्ली में जन्मे शिखर धवन का कॅरियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. अपने शुरुआती दिनों में आईपीएल के घरेलू मैचों में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद भी वह टीम में अपनी जगह बनाने में सफल नहीं रहे. वर्ष 2004 में बांग्लादेश में अंडर-19 विश्वकप में तीन शतक जड़कर सुर्खियों में आने के बाद उन्होंने लगातार टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष किया. 27 वर्षीय शिखर धवन ने अपना पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2010 में खेला. इस मैच में उन्होंने कुछ खास नहीं किया. आज न केवल भारतीय टीम बल्कि पूरे देश को उनकी शानदार बल्लेबाजी पर गर्व है. उम्मीद करते हैं कि वह आगे भी शानदार बल्लेबाजी करते रहेंगे.
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