किसी भी खिलाड़ी के लिए संन्यास लेने का इससे ज्यादा सही समय क्या होगा कि जब उसका आखिरी मैच कोई टूर्नामेंट का फाइनल हो और उसकी टीम वह टूर्नामेंट जीत जाए। कर्नाटक के बायें हाथ के तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद (33) ने मंगलवार को राज्य के विजय हजारे ट्राफी एकदिवसीय टूर्नामेंट का चैम्पियन बनने के बाद प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की और लोगों को हैरान कर दिया।
आईपीएल में कोहली की टीम से खेलते हैं
अरविंद ने 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भी देश का प्रतिनिधित्व किया था। अरविंद आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) का प्रतिनिधित्व किया। विराट कोहील ने पॉवरप्ले में अरविंद का बड़े अच्छे से इस्तेमाल किया। अरविंद ने आईपीएल में 38 मैच खेले, जिसमें करीब 23 की औसत से 45 विकेट झटके।
घरेलू क्रिकेट से लिया संन्यास
अरविंद ने कहा, ‘‘मैंने घरेलू क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का फैसला किया है। मैं जीत के साथ करियर को खत्म करना चाहता था और विजय हजारे के फाइनल में जीत से बेहतर कुछ और नहीं हो सकता था’। मंगलवार को खेले गये फाइनल में कर्नाटक ने सौराष्ट्र को 41 रन से शिकस्त दी, अपने दस साल के करियर में अरविंद ने 56 प्रथम श्रेणी मैच में 186 विकेट झटके जिसमें दो बार पारी में पांच विकेट भी शामिल हैं।
एकमात्र अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच खेला
श्रीनाथ अरविन्द ने भारतीय टीम के लिए एकमात्र अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच के रूप में खेला था। उन्होंने यह मैच साल 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ धर्मशाला में खेला था। अरविन्द ने प्रथम श्रेणी में 56 मैच खेले हैं और 3 के कम इकॉनमी के रनरेट से उन्होंने 186 विकेट अपने नाम किये। लिस्ट-ए-करियर में उनके 41 मैचों में 57 विकेट हैं और साथ ही उन्होंने 84 टी20 मैचों में शिरकत की और 103 विकेट प्राप्त किये हैं।
बेहतरीन गेंदबाद थे अरविंद
अरविंद धीमी पिचों पर अक्सर बायें हाथ से स्पिन गेंदबाजी भी करते थे। उन्होंने 84 टी20 मैचों में 103 विकेट लिये, उन्होंने आईपीएल के कुछ सत्रों में रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु के लिए भी खेला हैं। अरविंद ने कहा कि टीम में प्रसिद्ध कृष्णा और टी प्रदीप जैसे काबिल तेज गेंदबाजों के आने के बाद उन्होंने करियर के शीर्ष पर संन्यास लेने का फैसला किया।
यही समय पर लिया संन्यास का फैसला
अरविंद ने कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) का शुक्रिया अदा करते हुये कहा, ‘मैं किसी प्रतिभावान खिलाड़ी के रास्ते का रोड़ा नहीं बनना चाहता हूं। मुझे लगा यह सही समय है, मैंने इस फैसले के बारे में टीम के खिलाड़ियों को कल रात ही बता दिया था। राज्य का प्रतिनिधित्व का मौका देने के लिए मैं केएससीए का शुक्रगुजार हूं, मैं अपने अभिभावकों और भगवान का भी आभारी हूं’।…Next
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