भारतीय क्रिकेट के तेज गेंदबाज शांताकुमारन श्रीसंत ने जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना कदम रखा था तब उनके बारे में ऐसा कहा जा रहा था कि बहुत दिनों बाद भारतीय टीम को एक ऐसा गेंदबाज मिला है जिसकी गेंदबाजी से टीम में बॉलिंग डिपार्टमेंट की स्थिति सुधरेगी. लेकिन श्रीसंत के लगातार विवादों में रहने से चयनकर्ताओं और कप्तान को मौका ही नहीं मिला कि उनकी गेंदबाजी का वे फायदा उठा सकें.
तो क्या एनडीए सत्ता में आएगी ?
एक बार फिर 2005 में एकदिवसीय मैचों से अपने क्रिकेटिंग कॅरियर की शुरुआत करने वाले एस श्रीसंत विवाद में फंस गए हैं. यह विवाद ऐसा है जिसमें उनका कॅरियर पूरी तरह से समाप्त हो सकता है. भारतीय क्रिकेटर एस. श्रीसंत को आईपीएल-6 में स्पॉट फिक्सिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए 40 लाख रुपये में अपना एक ओवर फिक्स किया था.
क्रिकेट के मैदान पर अपनी अपरिपक्वता का परिचय देने वाले एस श्रीसंत कभी भी अपने कॅरियर को लेकर गंभीर नहीं रहे. मैदान पर उनके व्यवहार को देखते हुए कई बार चेतावनी भी दी जाती है. आईपीएल-6 में स्पॉट फिक्सिंग में फंसे दूसरे खिलाड़ी अजीत चंदीला और अंकित चह्वाण का गलत रास्ते की ओर जाना समझ में आता है लेकिन जिसने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटिंग कॅरियर के लगभग सात साल पूरे कर लिए हों उससे यह उम्मीद नहीं की जा सकती थी. अपने अंतरराष्ट्रीय कॅरियर के दौरान श्रीसंत के पास न तो पैसे की कमी रही है और न ही भारतीय टीम से इतने दूर भी रहे हैं कि लोग उन्हें भूल जाएं. फिर उन्होंने ऐसी गलती क्यों की. इससे साफ पता चलता है कि उनके अंदर परिपक्वता की कमी है.
श्रीसंत की अपरिपक्वता का उदाहरण उस समय देखने को मिला जब दिल्ली पुलिस ने मुंबई में कार रोककर उन्हें गिरफ्तार किया था. जिस समय उन्हें गिरफ्तार किया गया था तब वह नशे में थे तथा उनके साथ एक लड़की भी थी. श्रीसंत को जब दिल्ली पुलिस के लोग गिरफ्तार कर रहे थे तब वह चीखने-चिल्लाने लगे और उन्होंने केरल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों से अपने संबंध होने का दावा किया. लेकिन जब दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने अपना परिचय पत्र दिखाया तब वह खामोश हो गए. इसके बाद उन्होंने कहा, चलो, किसी भी मुख्यमंत्री से बात कर लो, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी.
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श्रीसंत.
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