काफी लंबे रनर-अप के साथ दौड़ते हुए जब कोई तेज गेंदबाज गेंद फेंके और उसपर भारत का कोई खिलाड़ी शानदार कवर ड्राइव मारे तो आपका चेहरा अपने आप खिल उठता है. यह खुशी तब और बढ़ जाती है जब गेंदबाज के रूप में पाकिस्तान का कोई खिलाड़ी हो.
2015 के विश्वकप में अपने पहले मैच में भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी जिस तरह से मैदान पर भिड़े और जिस तरह से भारतीय खिलाड़ियों ने जीत हासिल की उससे देशवासियों का सर गर्व से ऊंचा हो गया. इस जीत के बाद अगले दो दिन तक भारत के लोग खुशिया मनाते रहे. यही स्थिति पाकिस्तान में तब देखने को मिलती है जब उनके खिलाड़ी टीम इंडिया को मैदान पर पटकनी देते हैं. यही नहीं, हारने की स्थिति में दोनों तरफ के लोगों में भारी रोष भी देखने को मिलता. जैसा इस बार पाकिस्तान में देखने को मिला.
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इतिहास गवाह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला मैच रोमांच से भरपूर होता है. इस बार भी ऐसा ही हुआ जब रोहित शर्मा के रूप में भारत का पहला विकेट गिरा लेकिन इसके चंद मिनट बाद ही बिना कोई विकेट गिरे स्कोरबोर्ड पर 2 विकेट हो गया. यह संख्या लगातार बढ़ती गई. इस तरह भारत की पारी खत्म होने तक स्कोर – पांच लाख छियालीस हजार तीस (546030) जान के नुकसान पर जिरो रहा. हैरान करने वाली बात यह रही कि यही स्थिति पाकिस्तान की भी थी. उनका स्कोर- पांच लाख छियालीस हजार दो सौ अठाईस (546228) जान के नुकसान पर जिरो रहा.
उपरोक्त पैराग्राफ पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि आखिर किस तरह का यह स्कोरबोर्ड है जो क्रिकेट स्कोर की जगह कुछ और ही आकड़े दे रहा है. घबराइए मत! यह एक तरह का मैनुअल स्कोरबोर्ड है जिसे भारत में दिल्ली और जम्मू कश्मीर तथा पाकिस्तान में लाहौर और कराची में लगाया गया.
इस स्कोरबोर्ड का मतलब है ‘जब कोई मरता है तो किसी की जीत नहीं होती’. वह हारता ही है. उपरोक्त संख्या यह दर्शाते हैं कि 1947 के बाद से युद्ध के कारण दोनों देशों में कितनी जिंदगियां तबाह हुई…Next
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