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जल्द ही टूटेगा सचिन का रिकॉर्ड

virat kohli

आज जहां भारतीय क्रिकेट से सौरभ गांगुली, राहुल द्रविड और वीवीएस लक्ष्मण जैसे महान बल्लेबाज क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं वही दूसरी तरफ बीसीसीआई को आज भी इनके विकल्प की तलाश है. इन्ही विकल्पों में एक बल्लेबाज जिसने भारतीय टीम में बहुत ही जल्दी अपने आप को सैटल किया है जिनका नाम है विराट कोहली. विराट ने पिछले दो सालों से क्रिकेट के तीनो स्वरूपों में खासकर वनडे और टी20 बेहतर प्रदर्शन करके चयनकर्ताओं और दर्शकों को काफी प्रभावित किया है. यही वजह है कि आज विराट कोहली टीम का हिस्सा हैं. आज विराट का जन्म दिन है.


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विराट कोहली ने अपने छोटे से क्रिकेट कॅरियर में विशाल रिकॉर्ड खड़ा करके क्रिकेट पंड़ितों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या आने वाले कालखंड में विराट कोहली क्रिकेट की दुनिया में अपने नाम का परचम लहराएंगे. वैसे तो युवा खिलाड़ी विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय मैच में प्रदार्पण 2008 में श्रीलंका के खिलाफ किया लेकिन चयनकर्ताओं ने उनका खेल के प्रति जज्बा बहुत ही पहले देख लिया था. दिसंबर 2006 में कर्नाटक और दिल्ली के बीच खेले गए रणजी टूर्नामेंट के ग्रुप मैच के दौरान विराट कोहली के पिता का निधन हो गया था लेकिन विराट कोहली ने कर्नाटक के खिलाफ मुश्किल में फंसी अपनी टीम को सहारा देने के लिए पिता की मौत का मातम मनाने की बजाय मैच खेल कर हिम्मत की एक अनोखी मिसाल कायम की है. क्रिकेट के प्रति इस तरह का जज्बा और टेम्प्रामेंट बहुत ही कम देखने को मिलता है. इस तरह का टेम्प्रामेंट 1999 के वर्ल्ड कप के दौरान तब देखने को मिला जब महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के पिता का निधन हो गया.


एक बार फिर विराट कोहली की ओर चयनकर्ताओं का ध्यान उस समय गया जब अपने ही नेतृत्व में कोहली ने मलेशिया (2008) में खेले गए अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में जीत दर्ज करके भारत को विश्व चैम्पियन बनाया. इसी प्रदर्शन के बाद कोहली की जरूरत भारतीय सीनियर क्रिकेट टीम में होने लगी. तब से लेकर अब तक विराट कोहली भारतीय टीम के एक ऐसे खिलाड़ी बने रहे जो निरंतर बेहतर प्रदर्शन करके भारत की जीत में योगदान देता रहा, जिसे कभी-कभी द्रविड़ के रूप में भी देखा जाता रहा. 24 साल का यह यह खिलाड़ी बड़े ही आसानी से मैदान पर खेलकर कुछ ऐसे रिकॉर्ड बना जाता है जिसे बनाने में बड़े-बड़े खिलाड़यों का पूरा क्रिकेट कॅरियर लग जाता है.


सचिन तेंदुलकर से तुलना

सचिन ने अपना पहला वनडे शतक 79 पारी खेलने के बाद लगाया. इस 79 पारी में उन्होंने कुल रन 2236 रन बनाए. उनका औसत 32.41 रहा जबकि स्ट्राइक रेट 78.48. वहीं जब हम विराट कोहली की बात करते हैं तो आंकड़े कुछ अलग ही कहते हैं. कोहली ने 79 पारी में कुल 3233 रन बनाए. उनके पास 47.57 की औसत से 9 शतक हो चुके थे जबकि उनका स्ट्राइक रेट 84.88 था.


विश्व कप 2011 के बाद अभी तक भारतीय टीम में शायद ही कोई बल्लेबाज हैं जिसने लगातार प्रदर्शन को बरकार रखा हो लेकिन टीम में विराट कोहली अकेले ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने न केवल लगातार अपने प्रदर्शन को कायम रखा बल्कि भारतीय टीम में उपकप्तानी का पद भी हासिल किया. जिस तरह से विराट कोहली ने लगातार अपने प्रदर्शन को बनाए रखा है उससे लोग उन्हे भविष्य के कप्तान के रूप में भी देख रहे हैं.


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