Sehwag T20 Retirement
‘जब भी क्रिकेट की दुनिया में ताबड़तोड़ बल्लेबाजों का नाम आता है तो वहां भारत की ओर से विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग सबसे आगे आते हैं. उनकी बल्लेबाजी कुछ इस तरह से है कि मैच टी20, वनडे या टेस्ट हो वह अपने ही रंग में बल्लेबाजी करते हैं. आज यही बल्लेबाज इन्हीं फॉर्मेट में से किसी एक फॉर्मेट को न खेलने का मन बना चुका है.
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अंग्रेजी अखबार मेल टुडे ने खबर छापी है कि वीरेंद्र सहवाग अब टी20 क्रिकेट नहीं खेलना चाहते. अखबार ने बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से लिखा है कि सहवाग ने बोर्ड से टी20 टीम में न चुने जाने का आग्रह किया है. बीसीसीआई के इस अधिकारी ने बताया कि सहवाग टी20 नहीं खेलना चाहते बल्कि बाकी दो फॉर्मेट पर ध्यान देना चाहते हैं.
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जब टी20 क्रिकेट शुरू हुआ था तो कहा गया कि यह फॉर्मेट वीरेंद्र सहवाग के जैसे खिलाड़ियों के लिए वरदान साबित होगा जहां पर यह खिलाड़ी कम ओवरों में अपने मन मुताबिक बल्लेबाजी करके दर्शकों का मनोरंजन कर सकते हैं. हालांकि टी-20 की शुरुआत में सहवाग ने भी अपना रंग दिखाया और कुछ अच्छी पारियां भी खेली लेकिन समय के साथ-साथ उनका खराब प्रदर्शन जारी रहा. भारत के इस धुरंधर बल्लेबाज को पिछले दो सालों से क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अच्छी पारी की तलाश है.
अगर अधिकारी की मानें तो सहवान ने जो फैसला लिया है वह अपने कॅरियर के हिसाब से सही लिया है. वह समझ रहे हैं कि अधिक क्रिकेट होने की वजह से वह क्रिकेट के मूल स्वरूप टेस्ट पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. वह टेस्ट क्रिकेट है जिसकी वजह से सहवाग को दुनियाभर में एक अलग नाम मिला हुआ है. उनके नाम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किसी बल्लेबाज द्वारा सबसे तेज गति से बनाए गए तिहरे शतक हैं. ब्रैडमैन और लारा के बाद वह दुनिया के तीसरे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक बनाने का कीर्तिमान स्थापित किया. वह टेस्ट के ही नहीं बल्कि वनडे के भी बड़े खिलाड़ी हैं. एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर (219 रन) भी उनके नाम हैं. वह आधुनिक क्रिकेट के जेन मास्टर हैं.
सहवाग को पता है कि क्रिकेटिंग कॅरियर में अब कुछ ही साल बचे हैं. इसलिए वह सचिन तेंदुलकर के नक्शे कदम पर चलकर जाते-जाते भारतीय क्रिकेट को कुछ और रिकॉर्ड देकर जाना चाहते हैं. यह यादगार रिकॉर्ड टी20 न खेलकर टेस्ट और वनडे खेलकर बनाना चाहते हैं. हालांकि उनके आईपीएल और चैंपियन लीग टी20 खेले जाने पर सवाल उठते हैं क्योंकि दोनों टूर्नामेंट किसी खिलाड़ी को लगभग दो से तीन महीने तक बिजी रखते हैं. ऐसे में सहवाग टेस्ट को कैसे अधिक समय दे पाएंगे.
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