इस समय भारतीय क्रिकेट टीम ओपनर की समस्याओं से जूझ रही है. सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर ने अपनी बल्लेबाजी से दर्शकों को निराश किया है. ऐसे में यह उम्मीद की जा रही थी कि कि आगामी आस्ट्रेलिया सीरीज के साथ अनुभवी ओपनर वसीम जाफर को खेलने का मौका मिलेगा लेकिन इस बार भी उन्हें चयनकर्ताओं ने नजरअंदाज कर दिया.
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आपको बता दें कि वसीम जाफर को अप्रैल 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कानपुर में खेले गए टेस्ट मैच के बाद टीम में शामिल नहीं किया गया है, बावजूद इसके कि लगातार घरेलू क्रिकेट में उन्होंने खुद को साबित किया. उन्होंने मुंबई के खिलाफ ईरानी कप मैच में शेष भारत के लिये शतक जमाकर फॉर्म जाहिर कर दिया था. लेकिन चयनकर्ताओं ने उन पर भरोसा न दिखाकर आस्ट्रेलिया सीरीज के लिए गौतम गंभीर की जगह शिखर धवन को टीम में जगह दी.
रणजी टीम मुंबई की तरफ से खेलने वाले वसीम जाफर का जन्म 16 फरवरी, 1978 को मुंबई में हुआ. जाफर शुरू से ही घरेलू क्रिकेट के लिए सफल खिलाड़ी रहे हैं. जब वह 15 साल के थे तो उन्होंने 1992-93 में अंजुमन-ए-इस्लाम की ओर से मारवाड़ी विद्यालय के खिलाफ खेलते हुए नाबाद 400 रन बनाए थे. जाफर ने मात्र 18 साल की उम्र में ही प्रथम श्रेणी के अपने दूसरे मैच में ही नाबाद 314 की पारी खेली.
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मोहम्मद अजहरुद्दीन की तरह खेलने वाले जाफर ने टीम इंडिया की तरफ से सबसे पहला टेस्ट मैच 24 फरवरी, 2000 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था. जाफर टीम में कई बार अंदर बाहर हुए. जाफर ने अब तक भारतीय क्रिकेट टीम की तरफ से 31 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 34.10 की औसत से 1944 रन बनाए हैं. इसमें 5 शतक और 11 अर्द्ध शतक शामिल है. जाफर ने टेस्ट में दो दोहरा शतक भी लगाया है.
क्रिकेट विशेषज्ञों की मानें तो वसीम जाफर टेस्ट क्रिकेट के लिए एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं. उनके अंदर भारतीय टीम को राहुल द्रविड़ जैसी मजबूती देने की क्षमता मौजूद है इसलिए उन्हें ज्यादा दिनों तक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, स्वयं जाफर भी मानते हैं कि अगर मुझे मौका दिया गया तो मैं टीम के लिए जरूर अच्छा स्कोर करूंगा.
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