अक्टूबर 2014 की बात है जब कैरिबियाई (वेस्टइंडीज) टीम सीरिज को बीच में ही छोड़कर स्वदेश चली गई. माना जा रहा था कि वेस्टइंडीज खिलाडियों और वेस्टइंडीज बोर्ड में वेतन विवाद के चलते यह दौरा रद्द किया गया था.
आज भी वेस्टइंडीज बोर्ड और खिलाड़ियों के बीच वेतन को लेकर विवाद है. इसका दर्द वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों में देखा जा सकता है. बीते रविवार को वेस्टइंडीज की टीम ने इंग्लैंड को हराया तो मानो ऐसा लगा कि फिल्म ‘लगान’ की तरह क्रिकेट में किसानों ने अंग्रेजों को पटकनी दी है. मैच के बाद वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने जीत की खुशी इस तरह से जाहिर की जैसे उन्होंने अंग्रेजो के गुरूर को तोड़ा हो. हालांकि उन्होंने अपनी इस शानदार जीत से वेस्टइंडीज बोर्ड को भी जवाब दिया है.
डैरेन सैमी का जवाब
वेस्टइंडीज के कप्तान डैरेन सैमी ने मैच के बाद कहा- “वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड से किसी भी तरह की मदद न पाने के बावजूद खिलाड़ियों ने अपने दम पर ही एक नए मैनेजर रॉल लेविस को चुना जिसे मैदान का कोई अनुभव नहीं था, लेकिन उन्होंने अद्भुत प्रदर्शन करते हुए वेस्टइंडीज को शानदार जीत दिलाई.”
डैरेम सैमी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा – “हमारे मैनेजर को महज टीम की जर्सी हासिल करने में कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा था लेकिन एक बार जब हमने ये हासिल की तो मन में ठान लिया था कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे.”
ड्वेन ब्रावो का दर्द
कप्तान डैरेम सैमी की तरह ऑलराउंडर ड्वेन ब्रावो ने भी वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड को मैच के बाद खूब कोसा. उन्होंने कहा –“ वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड से ज्यादा तो बीसीसीआई हमारा सहयोग करता है.”
हालांकि वेस्टइंडीज की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मार्लन सैमुअल्स ने मैच के दौरान आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया. जिसके बाद उन पर मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया.
यही नहीं, टीम की जीत के जश्न में सैमुअल्स इस कदर मदहोश हो गए कि जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रैंस के दौरान उन्होंने मीडिया के साथ बदतमीजी भी की…next
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