लगातार जीत के नशे में अक्सर होता है कि एक हार उस नशे को चूर-चूर कर देती है. टीम इंडिया के साथ भी ऐसा ही हुआ. लगातार मिलती जीत के बीच आखिरकार टीम इंडिया को एक करारी हार मिल ही गई. एक मैच पहले जीत की खुशी में कुछ अहम खिलाड़ियों ने जरूरी प्रैक्टिस सेशन से खुद को अलग कर लिया था जिसका खामियाजा पूरी टीम को एक हार से उठाना पड़ा. जल्द ही टीम इंडिया को आस्ट्रेलिया के महत्वपूर्ण दौरे पर जाना है और ऐसे में टीम इंडिया का यह रवैया उस पर भारी पड़ सकता है.
तीसरे और अहम वनडे में जहां से टीम इंडिया मैच जीत कर सीरीज पर कब्जा जमाना चाहती थी वहां उसे हार मिली. रवि रामपाल की शानदार गेंदबाजी और भारतीय गेंदबाजों का आखिरी ओवरों में रन लुटाना मैच के लिए निर्णायक साबित हुआ. रवि रामपाल [4/57] की जोरदार गेंदबाजी के आगे रोहित शर्मा [95] की लगातार तीसरी बार खेली गई जुझारू पारी के बावजूद अंतिम ओवरों [7 ओवर में 93 रन] में लुटाए रनों के कारण भारत तीसरे वनडे मैच में सफलतापूर्वक लक्ष्य का पीछा नहीं कर सका और वेस्टइंडीज के हाथों 16 रनों से हार गया. इस हार के बाद भी भारत पांच मैचों की सीरीज में 2-1 से आगे है.
भारत ने सीरीज में लगातार तीसरी बार टास जीतने के बाद कैरेबियाई टीम को पहले बल्लेबाजी करने का न्यौता दिया. हालांकि मेहमान टीम को एक बार फिर खराब शुरुआत मिली. लेकिन शुरूआती झटकों से उबरने के बाद वेस्टइंडीज की टीम ने संभलकर खेलना शुरू कर दिया. डेरेन ब्रावो, सैमुअल्स और कीरोन पोलार्ड ने टीम को अच्छे स्कोर की तरफ बढ़ाया और पुछल्ले बल्लेबाजों ने एक बार फिर अंतिम ओवर में तेजी से रन जोड़े. आंद्रे रसेल और कप्तान सैमी ने 5.4 ओवर में ताबड़तोड़ 79 रन जोड़े. 50 ओवरों में वेस्टइंडीज ने कुल 260 रन बनाए और भारत को जीत के लिए 261 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया.
चुनौतीपूर्ण लक्ष्य के जवाब में लोकल ब्वाय पार्थिव पटेल ने केमार रोच की पहले ओवर में दो लगातार चौके लगाकर भारत को जोरदार शुरुआत दिलाई. लेकिन अगले ओवर में रामपाल ने पहली दो गेंदों पर कप्तान वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर को खाता खोले बगैर आउट कर भारत की हालत खस्ता कर दी. और इसके बाद कोहली और पार्थिव पटेल भी आउट होकर चले गए. एक समय भारत के 105 रन पर छह विकेट गिरने के बाद रोहित और आर अश्विन [31 रन, 64 गेंद, 1 चौका] ने सातवें विकेट के लिए 91 रनों की साझेदारी की लेकिन पूरी टीम 46.5 ओवर में 244 रन बनाकर आउट हो गई.
लेकिन भारत के लिए अगर कुछ खुशी की बात है तो वह यह कि अब भारत के पुछल्ले बल्लेबाज भी क्रिज पर जम रहे हैं. अगर टॉप ऑर्डर के दो मुख्य बल्लेबाज जीरो के स्कोर पर आउट हुए तो वहीं निचले क्रम के अभिमन्यु मिथुन [23 रन, 16 गेंद, 2 चौका व 2 छक्का] और उमेश यादव [नाबाद 11 रन, 10 गेंद, 2 चौका] ने 10वें विकेट के लिए 28 रनों की साझेदारी कर मैच में रोमांच ला दिया था.
भारत को इस मैच से सीखना होगा कि जीत के लिए अति आत्मविश्वास बहुत खतरनाक होता है. अगर भारत इसी तरह अति-आत्मविश्वास का शिकार होता रहा तो वेस्टइंडीज की टीम दुबारा सीरीज में वापस आ सकती है.
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