अक्सर ऐसा होता है कि क्रिकेट मैच के दौरान या ख़त्म होते ही हम अंदाज़ा लगा लेते हैं कि किस खिलाड़ी को ‘मैन ऑफ़ द मैच’ मिलेगा, ज़्यादातर ये अंदाज़ा सही भी रहता है। जीतने वाली टीम की ओर से सबसे ज़्यादा रन बनाने या विकेट लेने वाले खिलाड़ी को ही ये पुरस्कार मिलता है। कुछ मामलों में हारने वाले टीम के भी खिलाड़ी को ‘मैन ऑफ़ द मैच’ मिल जाता है। लकिन क्या आपको पता है कि ‘मैन ऑफ़ द मैच’ देने का फ़ैसला कौन लेता है?
अंतिम रूप से मैन ऑफ द मैच का चयन कौन करता है!
कमेंटेटर सबसे अधिक गौर से मैच देखते हैं और उनकी नजर पूरे खेल पर होती है। ये लोग खेल की अच्छी जानकारी भी रखते हैं। कमेंट्री बॉक्स में अधिकतर पूर्व खिलाड़ी ही ये काम करते रहते हैं। लिहाजा मैन ऑफ मैच के लिए जो पैनल बनता है उसमें कमेंटेटर व वरिष्ठ खिलाड़ी होते हैं। ये लोग आपस में ही तय कर अंतिम रूप से फैसला देते हैं।
बड़ी शृंखलाओं के लिए पैनल तैयार होते हैं
कभी-कभी कमंटेटर के अलावा मैच रेफ़्री और दूसरे वरिष्ठ खिलाड़ी भी ‘मैन ऑफ़ द मैच’ चुनने वाले पैनल का हिस्सा होते हैं। चैंपियंस ट्रॉफ़ी या वर्ल्ड कप जैसी शृंखलाओं में मैन ऑफ द मैच तय करने के लिए बड़ा पैनल बनाया जाता है, जिसमें मैंच रेफरी भी शामिल होते हैं। किसी भी मैच में ये खिताब पाना खिलाड़ी के लिए एक बड़ी उपलब्धि होती है।
सचिन ने जीता है सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच का खिताब
भारत की ओर से 463 वनडे खेलने वाले तेंदुलकर ने इस फॉर्मेट में 86.23 की स्ट्राइक के साथ 18,426 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 49 शतक समेत 96 अर्धशतक भी जमाए। तेंदुलकर को 62 बार ‘मैन ऑफ द मैच’ का खिताब दिया जा चुका है। वहीं बात अगर टेस्ट की करें तो 200 मैचों में इस खिलाड़ी ने 51 शतक और 68 अर्धशतक की मदद से 15,921 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट में सचिन 2 हजार से ज्यादा चौके लगाने वाले इकलौते खिलाड़ी हैं। उन्होंने टेस्ट मैचों में 2058 चौके जड़े हैं।…Next
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