भारतीय क्रिकेट के लिए हाल के दिन बेहद बुरे चल रहे हैं. आस्ट्रेलिया में लगातार हार के बीच एक और दुख भरी खबर ने सभी क्रिकेट प्रेमियों को सकते में डाल दिया है. अमेरिका से खबर आई कि भारतीय क्रिकेट टीम के युवराज सिंह को कैंसर हो गया है. कुछ ही दिन पहले जिस खिलाड़ी को लोगों ने विश्व कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट बनते देखा उसे अस्पताल में कैंसर के मरीज के रूप में देखना वाकई दुखद है.
युवराज मैदान और मैदान के बाहर दोनों ही जगह बेहद जुझारू प्रवृत्ति के हैं. यूं तो युवी हमेशा मीडिया में रहते हैं लेकिन उन्होंने अपने कैंसर की खबर को मीडिया में जल्दी लीक नहीं होने दिया. कुछ दिन पहले उनकी मां ने जरूर कहा था कि उन्हें फेफड़े का इंफेक्शन हो गया है लेकिन इसके अलावा उन्होंने कभी अपनी बीमारी का हवाला देकर सुर्खिया नहीं बटोरी.
उनके परिवार ने पहले युवराज के फेफड़े में ट्यूमर की पुष्टि की थी. लेकिन अब जांच में इसे घातक पाया गया है और युवराज इस समय बोस्टन में कैंसर अनुसंधान संस्थान में कीमोथेरेपी करा रहे हैं. डाक्टरों ने फैसला किया कि युवराज को तीन बार कीमोथेरेपी करानी पड़ेगी इसलिए वह 26 जनवरी को अमेरिका चले गए थे. मार्च के अंत में वह सी टी स्कैन कराएंगे और तब तक उन्हें इस बीमारी से उबर जाना चाहिए. इसके बाद अप्रैल में रिहैबिलिटेशन होगा और वह मई तक खेलने के लिए फिट हो जाएंगे.
युवराज पिछले साल विश्व कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे. उन्होंने 362 रन बनाकर और 15 विकेट चटकाकर चार मैच मैन आफ द मैच पुरस्कार हासिल किए थे. वह इस बीमारी के लिए आयुर्वेदिक दवाइयां भी ले रहे हैं. आयुर्वेदिक उपचार के बाद कीमोथेरेपी के केवल तीन चरण जरूरी हैं. शुरू में जब अक्टूबर के अंत में बायोप्सी के बाद कैंसर का पता चला तो डाक्टरों को डर था कि उपचार में कीमोथेरेपी के छह चरण कराए जाएंगे. शुक्र है कि सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ी.
उधर, युवराज की बीमारी की खबर सुनकर पूरे देश और दुनिया भर में उनके करोड़ो फैंस दुखी हैं. बीसीसीआई से लेकर सरकार तक ने युवराज सिंह के जल्द ठीक होने की दुआएं मांगी हैं. आशा है युवी जल्द ही खेल के मैदान पर लौटेंगे.
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