क्यों खास है एशेज सीरीज? यह सवाल हर किसी के मन में उठता है. सीरीज तो और भी होते हैं लेकिन एशेज सीरीज जैसा रोमांच किसी में नहीं होता. इस सीरीज पर न केवल इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया की नजर रहती है बल्कि विश्व क्रिकेट जगत और मीडिया भी काफी रूचि दिखाता है. आइए इस सीरीज के कुछ तथ्यों के बारे में जानते हैं जो इसे रोचक बनाने में काफी योगदान देते हैं.
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1882: एशेज सीरीज का काफी रोचक अंदाज में जन्म हुआ. तब क्रिकेट में बादशाह माने जाने वाले इंग्लैंड को ओवल के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया से मिली इस करारी हार को ब्रिटिश मीडिया बर्दाश्त नहीं कर पाया. उस समय के खेल समाचार पत्र स्पोर्टिंग टाइम्स ने लिखा कि इंग्लैंड क्रिकेट की मौत हो चुकी है और उसकी चिता जलाने के बाद राख (एशेज) ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने साथ ले जा रही है जिसके बाद से इस सीरीज का नाम एशेज रखा गया.
1920/21: यह वह साल था जब आस्ट्रेलिया ने क्रिकेट के दिग्गज इंग्लैंड को उसी की जमीन पर हराकर पहली बार एशेज में 5-0 से व्हाइटवास किया.
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1930: यह साल आस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन के लिए यादगार रहा. ब्रैडमैन ने इस साल एशेज सीरीज में 974 रन बनाए जो आज तक का बड़ा रिकॉर्ड है. इसमें उन्होंने चार शतक भी लगाए. उनका उच्चतम स्कोर 334 रहा.
1972: आस्ट्रेलिया के बॉब मैसी ने अपने पहले मैच में लॉर्ड्स के मैदान पर एक अविश्वसनीय कारनामा किया. मैसी ने अपनी पहली पारी में 53 रन देकर आठ विकेट लिए जबकि दूसरी पारी में भी उन्होंने 84 रन देकर आठ ही विकेट लिए. इस तरह पहले मैच में ही 137 रन देकर 16 विकेट लेकर बॉब मैसी ने विश्व रिकॉर्ड कायम किया.
1981 में एशेज सीरीज के दौरान जब इयान बॉथम के नेतृत्व में इंग्लैंड 0-1 से पिछड़ गया था तब बाकी के दो मैचों में माइक को कप्तानी करने का मौका मिला. ये माइक की कप्तानी का ही कमाल था कि शुरुआती मैच हारने के बाद इंग्लैंड 2-1 से सीरीज जीत गया.
1993: इस साल एशेज सीरीज में इंग्लैंड के खिलाफ शेन वार्न ने प्रदार्पण किया. उन्हें अपनी पहली गेंद पर माइक गैटिंग का विकेट मिला. इस गेंद को ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ के नाम से भी जाना जाता है.
2006/07: आस्ट्रेलिया ने महान गेंदबाज शेन वार्न और ग्लेन मैग्राथ की घातक गेंदबाजी की बदौलत सीरीज में इंग्लैंड को 5-0 से हराकर एशेज के इतिहास में व्हाइटवाश किया.
2010/11: यह साल इंग्लैंड की टीम के लिए यादगार रहा जब उन्होंने एशेज सीरीज में आस्ट्रेलिया को 24 सालों बाद हराया. इंग्लैंड ने यह सीरीज 3-1 से जीता. सलामी बल्लेबाज एल्स्टेयर कुक ने सीरीज में 127.66 की औसत से शानदार 766 रन बनाए.
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