भारत और न्यूजीलैंड के बीच हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट मैच में सौराष्ट्र के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने शानदार 159 रन की पारी खेलकर उन सभी अटकलों पर कुछ हद तक विराम लगा दिया जो मैच से पहले कहा जाता था कि क्या चेतेश्वर पुजारा राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की जगह ले सकते हैं. टेस्ट में अपना पहला शतक लगाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने मैच की पारी को उस समय सम्भाला जब सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर 22 रन आउट हो गए थे. वह पहले सहवाग फिर विराट कोहली और बाद में धोनी के साथ साझेदारी करके टीम के स्कोर को 300 के पार ले गए.
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सूझबूझ के साथ बल्लेबाजी
पहले टेस्ट मैच के दौरान पुजारा की बल्लेबाजी को देखकर यह कहीं से भी नहीं लग रहा था कि इस खिलाड़ी को टेस्ट मैच का ज्यादा अनुभव नहीं है. इनके बल्ले से जो शॉट निकल रहे थे ऐसा लग रहा था जैसे वह पूरी तरह आत्मविश्वास से भरे हुए थे. टीम लड़खड़ाती रही लेकिन वह एक मंझे हुए खिलाड़ी की तरह टीम की एक छोर को संभाले हुए थे.
तीन नंबर का स्थान जिम्मेदारी भरा
पहले टेस्ट मैच में चेतेश्वर पुजारा को वही स्थान (तीन नंबर) मिला था जिस पर कई सालों तक भारत के ‘दीवार’ राहुल द्रविड ने एकछत्र राज किया था. कहने को तो यह तीन नंबर का स्थान है लेकिन जब बल्लेबाजी की बात होती है तो इस स्थान की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है. अगर ओपनर सस्ते में निपट जाता है तो उस समय इसी नंबर के खिलाड़ी की असली परीक्षा देखने को मिलती है. राहुल द्रविड़ ने अपने पूरे कॅरियर में इस स्थान को पूरा सम्मान दिया. इसी स्थान पर ही रहकर उन्होंने भारत के लिए कई मैच बचाए और जितवाए. इसलिए आने वाले समय में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि चेतेश्वर पुजारा के लिए यह स्थान काफी चुनौती भरा होगा.
चेतेश्वर पुजारा का कॅरियर
भारत के दाएं हाथ के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का जन्म 25 जनवरी, 1988 को गुजरात के राजकोट में हुआ. उनका पूरा नाम चेतेश्वर आनंद पुजारा है. उन्होंने क्रिकेट का शुरुआती प्रशिक्षण अपने पिता ए.एस. पुजारा और अंकल बीएस पुजारा के साथ लिया. वह अपने पिता को ही अपना आदर्श मानते हैं. पुजारा घरेलू क्रिकेट मैच में सौराष्ट्र के लिए खेलते हैं. वह 2008-10 इंडियन प्रीमियर लीग में कोलकाता नाइट राइडर के हिस्सा रहे. वर्तमान में वह रॉयल चैलेजर्स बंगलुरू के लिए खेलते हैं. अक्टूबर 2010 में आस्ट्रेलिया के विरुद्ध पुजारा ने अपने अंतरराष्ट्रीय टेस्ट कॅरियर की शुरुआत की. उन्हे जब टेस्ट में पहली बार मौका मिला था तो उन्होंने 72 रन की शानदार पारी खेलकर इस मौके को भुनाया. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मैचों में उन्होंने कई बार दिखाया है कि वह बड़ी पारी खेलने में भी सक्षम हैं. उन्होंने अब तक कुल तीन टेस्ट मैच खेले है जिसमें इस बार का 159 रन मिलाकर कुल 226 रन बनाए.
मध्यक्रम में एक महत्वपूर्ण बल्लेबाज
राहुल द्रविड़ और हाल ही में वीवीएस लक्ष्मण के संन्यास के बाद यह कयास लगाया जा रहा था कि टेस्ट के इन दो दिग्गजों का विकल्प कौन होगा जो इनकी जगह लेगा. उसमें पुजारा का नाम सबसे ऊपर लिया जाता था. न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में प्रदर्शन के बाद पुजारा ने इस बात को साबित भी कर दिया है. लेकिन हम सभी को यह नहीं भूलना चाहिए कि पुजारा का यह प्रदर्शन घरेलू मैदान पर था. उनकी असली परीक्षा तो अभी बाकी है जब वह आस्ट्रेलिया और इंग्लैड के पिचों पर अपनी कलात्मक बल्लेबाजी का जौहर दिखाएंगे.
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