सबको पता है कि दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम के अंदर काबीलियत की भरमार है. उनकी क्षमता पर किसी तरह का कोई संदेह नहीं है. भले ही वह दुर्भाग्य से विश्व चैम्पियन न बन पाई हो लेकिन आज क्रिकेट के तीनों रूपों में इस टीम ने एक ऐसा मुकाम हासिल करके इतिहास रच दिया जिसे अभी तक कोई भी क्रिकेट टीम नहीं रच पाई है.
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दक्षिण अफ्रीका की टीम इंग्लैंड को दूसरे वन−डे में 80 रन से हराकर विश्व की नंबर वन टीम बन गई. इस जीत के साथ वह दुनिया की ऐसी पहली टीम बन गई है जो टेस्ट और वनडे टी-20 एक ही वक्त पर नंबर वन टीम बन गई है. यह क्रिकेट के इतिहास में पहली बार है जब कोई टीम क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में एक साथ नंबर वन के स्थान पर काबिज है. आईसीसी एकदिवसीय रैकिंग इस प्रकार है, दक्षिण अफ्रीका 124 अंक के साथ पहले स्थान पर है. भारत 120 अंक के साथ दूसरे और जबकि इंग्लैंड 118 अंक के साथ तीसरे स्थान पर है. आश्चर्य की बात यह है जो आस्ट्रेलियाई टीम वनडे के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ टीम मानी जाती थी वह चौथे स्थान पर पहुंच चुकी है.
टेस्ट मैचों में दक्षिण अफ्रीका की टीम 120 रेटिंग अंक के साथ पहले स्थान पर हैं जबकि इंग्लैंड (117 अंक) और ऑस्ट्रेलिया (116 अंक) के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. जबकि भारत 104 अंक से साथ पाकिस्तान के बाद पांचवें स्थान पर है.
वहीं अगर टी-20 की बात की जाए तो दक्षिण अफ्रीका 130 अंक के साथ पहले से शीर्ष पर काबिज है. इसके बाद इंग्लैंड के 129 अंक और श्रीलंका 119 अंक है. यहां भारत 111 रेटिंग अंक के साथ चौथे स्थान पर है.
हाशिम अमला बने टीम के लिए वरदान
बहुत दिनों बाद दक्षिण अफ्रीका को स्टार बल्लेबाज मिला है जो अपने लगातार प्रदर्शन के लिए जाना जाता है. हाशिम अमला ने न केवल टेस्ट बल्कि वनडे में भी अपनी काबीलियत का लोहा मनवाया है. उन्होंने मंगलवार को इंग्लैंड के खिलाफ मैच में 150 रन की पारी खेलकर दक्षिण अफ्रीका को 80 रन से जिताया. इस जीत के साथ अमला ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 3000 रन पूरे करके सबसे कम पारियों में इस मुकाम पर पहुंचने का नया रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने यह मुकाम वनडे की 57वीं पारी खेलकर प्राप्त किया. इससे पहले का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के विव रिचर्ड्स के नाम पर था जो 69वीं पारी में 3000 रन तक पहुंचे थे. रिचर्ड्स के बाद उनके हमवतन गोर्डन ग्रीनिज और दक्षिण अफ्रीका के वर्तमान कोच गैरी कर्स्टन (दोनों 72 पारियां), भारत के विराट कोहली (75) तथा इंग्लैंड के ग्राहम गूच (76) और केविन पीटरसन (78) का नंबर आता है.
गैरी कर्स्टन का मुख्य योगदान
आपको याद होगा पिछले साल 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप जितना योगदान भारतीय टीम का था उतना ही योगदान भारत के पू्र्व कोच और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज गैरी कर्स्टन का योगदान था. भारतीय टीम को चमकाने के बाद कर्स्टन को दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों को चमकाने का जिम्मा दिया गया जिसमे वह पूरे सौ फीसदी सफल हो गए है. एक साल पहले कोच गैरी कर्स्टन ने टीम को हर फॉर्मेट में नंबर-1 बनाने की रणनीति बनाई थी और टीम में कई युवा और कई अनुभवी खिलाड़ियों को शामिल भी किया गया. अब क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में नंबर वन बनने के बाद भी गैरी कर्स्टन खुश नहीं हैं. वह अब इस टीम के साथ बड़े-बड़े खिताब जीतना चाहते हैं. उनकी नजर श्रीलंका में होने वाला टी−20 विश्वकप पर है. अगर टीम इसी तरह प्रदर्शन करती रही तो उसके सामने टी−20 विश्वकप का खिताब भी दूर नहीं है.
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