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भले ही पिछले एक वर्ष में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के प्रदर्शन में गिरावट आई है लेकिन उसके बाद भी क्रिकेट विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की दावेदारी को कम नहीं आंका जा सकता है.
विश्व कप क्रिकेट में अब तक ऑस्ट्रेलिया सबसे ताकतवर टीम रही है, जिसने अभी तक चार बार विश्व कप जीता है. यही नहीं 1999 से लेकर 2007 तक ऑस्ट्रेलिया ने तीन बार लगातार विश्व कप जीता है और वह मौजूदा विश्व चैम्पियन भी है.
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में बहुत कुछ बदल गया है. एक समय की सबसे मजबूत टीम में अब दरार आ गयी है. जहां पहले ऑस्ट्रलिया को हराना बहुत मुश्किल था वहीं मौजूदा समय में ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन खराब रहा है. अभी एशेज़ में मिली हार उसके गिरते हुए फॉर्म का प्रतीक है. 2007 से अब तक ऑस्ट्रेलियाई टीम में बहुत बदलाव आया है. जहां एडम गिलक्रिस्ट, मेथ्यू हेडन, शेन वार्न, ग्लेन मैक्ग्रा जैसे दिग्गजों ने संन्यास ले लिया है वहीं कप्तान पोंटिंग का फॉर्म भी काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है जिसका फायदा दूसरी टीमों ने भली-भांति उठाया है.
विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया का सफ़र
• 1975 विश्व कप – फाइनल मुकाबले में वेस्टइंडीज ने 17 रन से हराया.
• 1979 दूसरा विश्व कप – पहले दौर में बाहर.
• 1983 तीसरा विश्व कप – दूसरे दौर से बाहर.
• 1987 तीसरा विश्व कप – फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को सात रन से हराया.
• 1992 चौथा विश्व कप – पहले दौर से बाहर.
• 1996 पांचवां विश्व कप – फाइनल मुकाबले में श्रीलंका ने सात विकेट से हराया.
• 1999 छठां विश्व कप – फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को आठ विकेट से हराया
• 2003 सातवां विश्व कप – फाइनल मुकाबले में भारत को 125 रन से हराया.
• 2007 आठवां विश्व कप – फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को 53 रन से हराया.
अगर हम आंकड़ों पर ध्यान दें तो ऑस्ट्रेलिया आखिरी बार सन् 1999 के विश्व कप में पाकिस्तान से हारा था. तब से लेकर अब तक ऑस्ट्रेलिया ने लगातार 26 मैच जीते हैं.
ऑस्ट्रेलिया के लिए क्या बदल गया
1987 को छोड़ अभी तक ऑस्ट्रेलिया ने जितने भी बार विश्व कप जीते हैं वह उन्होंने फास्ट पिचों पर जीता है, पिछले तीनों बार के विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया को मिली जीत में गिलक्रिस्ट, हेडन, वार्न और मैक्ग्रा का बहुत बड़ा हाथ रहा है. लेकिन इस बार के विश्व कप में यह तीनों नहीं खेलेंगे, यही नहीं पोंटिंग का फॉर्म खराब है, ब्रेट ली चोट से वापसी कर रहे हैं, टीम में अनुभव की कमी है और टीम में केवल एक ही स्पिन गेंदबाज़ है, और भारतीय उपमहाद्वीप में एक स्पिनर के साथ खेलना अच्छा निर्णय शायद न हो. ऐसे में टीम की गेंदबाज़ी में मिशेल जॉनसन को छोड़ किसी से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कम है.
2011 क्रिकेट विश्व के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम
1. शेन वॉटसन
2. ब्रैड हैडिन (विकेटकीपर)
3. रिकी पोंटिंग (कप्तान)
4. माइकल क्लार्क
5. माइकल हसी,
6. डेविड हसी
7. कैमरून व्हाइट
8. टिम पेन (विकेटकीपर)
9. स्टीवन स्मिथ
10. जॉन हेस्टिंग्स
11. मिशेल जॉनसन
12. नाथन हॉरिट्ज
13. ब्रेट ली
14. शॉन टेट
15. डौग बोलिंगर
भले ही टीम ऑस्ट्रेलिया इस बार सबसे प्रबल दावेदार नहीं है लेकिन अभी भी वह विश्व में एकदिवसीय की नंबर वन टीम है, जिसको कम नहीं आंका जा सकता और खासकर विश्व कप में जहां उनकी किस्मत भी उनके साथ होती है.
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