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पांच बड़े खतरे

वर्ल्ड कप क्रिकेट 2011
वर्ल्ड कप क्रिकेट 2011
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दक्षिण अफ्रीका से हम हारे, इंग्लैंड के खिलाफ़ मैच ड्रा रहा अब सामने खड़ी है वेस्टइंडीज.

भले वेस्टइंडीज का इस बार का प्रदर्शन उतार-चढाव से भरा रहा हो लेकिन उनके खिलाड़ी कुछ भी करने का माद्दा रखते हैं. खासकर बांग्लादेश के खिलाफ़ उनका प्रदर्शन देख टीम इंडिया को डर जरुर लग रहा होगा. अब अगर भारतीय टीम को वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका के हाथों मिली हार का दर्द मिटाना है तो वेस्टइंडीज के खिलाफ़ जीतना ही होगा.

1. क्रिस गेल: भारतीय टीम को सबसे बड़ा खतरा वेस्टइंडीज के बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज़ क्रिस गेल से है. सभी जानते हैं कि गेल ऐसे खिलाड़ी हैं जो अकेले दम पर मैच जिता सकते हैं और इंग्लैंड के खिलाफ़ भले ही उन्होंने केवल 43 रन बनाए लेकिन पारी देख ऐसा प्रतीत हो रहा था कि गेल का खोया हुआ फॉर्म वापस आ रहा है और अगर ऐसा हुआ तो वर्ल्ड कप में लचर प्रदर्शन करने वाले भारतीय गेंदबाजों पर हो सकती है चौकों-छक्कों की बरसात.

2. डैरेन ब्रावो: विशेषज्ञों का मानना है कि लारा के मौसेरे और ड्वेन ब्रावो के छोटे भाई डैरेन ब्रावो में बहुत प्रतिभा है. उनके खेलने का तरीका लारा से बहुत मेल खाता है. हालांकि अभी वह छोटे हैं और उनमें अनुभव की कमी है लेकिन जिस तरह से उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ बल्लेबाज़ी की थी उसे देख वेस्टइंडीज को उनसे आने वाले समय में बहुत उम्मीदें है. लेकिन हम तो चाहेंगे कि उनकी यह प्रतिभा भारत के खिलाफ़ सामने न आए.

3. काइरोन पोलार्ड: पोलार्ड का शौक चौका-छक्का मारना है. नीदरलैंड के खिलाफ़ जिसने भी उनकी पारी देखी होगी वह उनकी ताकत से वाकिफ होंगे. टीम इंडिया के खिलाड़ी तो मना रहे होंगे कि जल्दी से जल्दी वह पवेलियन वापस लौट जाएं वरना वह सभी को नानी याद दिला सकते हैं. यही नहीं, पोलार्ड उपयोगी बल्लेबाज़ और बेहतरीन फील्डर भी हैं.

4. सुलेमान बेन: उनका कद देख कोई भी उन्हें तेज़ गेंदबाज़ कहेगा, लेकिन सही में वह स्पिन गेंदबाज़ हैं जो अपनी लम्बाई का पूरा फायदा उठाते हैं. इस बार के वर्ल्ड कप में उनका प्रदर्शन सराहनीय रहा है. पांच मैचों में उन्होंने 12 विकेट लिए हैं. खास बात यह है कि सभी पांचों मैचों में उन्होंने गेंदबाज़ी का आगाज किया है और उन्हें काफ़ी सफलता भी मिली हैं. सचिन, सहवाग को इनके खिलाफ सतर्क रहना होगा.

5. केमर रोच: गठीला शरीर, औसत लम्बाई लेकिन इनकी गेंदों में रफ़्तार की कमी नहीं होती. इनके पास लगातार 140 किमी की गति से गेंद फेंकने की क्षमता है. यही नहीं इनकी गेंदें टप्पा खाकर पसलियों में आती हैं और भारतीय बल्लेबाजों को ऐसी गेंदें खेलने में काफ़ी मुश्किल होती है. इस बार के वर्ल्ड कप में वह एक हैट्रिक भी लगा चुके हैं.

टीम इंडिया का यह सफ़र इतना आसान न होगा. टीम इंडिया के सामने खड़े हैं यह पांच बड़े खतरे, और अगर इन पांच बड़े खतरों का तोड़ हमने नहीं निकाला तो शायद हमारी नैया पार न लग पाए.

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