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वर्ल्ड कप के दो धुरंधर भारत और इंग्लैंड, 27 तारीख को होंगे आमने-सामने. दोनों के लिए मैच महत्वपूर्ण है, जो जीतेगा वह क्वार्टर फाइनल की तरफ़ बढ़ेगा और यही नहीं उस टीम को मनोवैज्ञानिक फायदा भी मिलेगा.
पिछले कुछ वर्षों से इंग्लैंड का भारत में एकदिवसीय मैचों में रिकार्ड बहुत खराब रहा है, पिछली बार तो इंग्लैंड की टीम सभी मैच हारी थी. लेकिन तब से लेकर अब तक इंग्लैंड की टीम में बहुत बदलाव आया है जिसमें ग्रीम स्वान का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में उदय सबसे महत्वपूर्ण रहा है. इंग्लैंड के पास शुरू से फ़िरकी गेंदबाजों की कमी रहती थी और भारतीय उपमहाद्वीप में फ़िरकी गेंदबाज़ी बहुत महत्वपूर्ण होती है, खासकर जब पिच में थोड़ा उछाल हो और गेंद स्पिन करे. लेकिन अब इंग्लैंड के पास इस कमी का भी तोड़ आ गया है, यही नहीं उनके बल्लेबाज़ भी फॉर्म में हैं, मतलब भारत की राह आसान नहीं है.
अपने पहले मैच में भारत ने बांग्लादेश को आसानी से हराया लेकिन इंग्लैंड को नीदरलैंड्स को हराने के लिए काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी. क्या ऐसा ही हाल इन दोनों के बीच मैच में होने वाला है, जहां भारत की जीत और इंग्लैंड की हार होने वाली है ?
पलड़ा भारत का भारी है लेकिन किसी भी कोण से इंग्लैंड को कम नहीं आंका जा सकता और खासकर वर्ल्ड कप में. अगर इंग्लैंड के पास ग्रीम स्वान है तो भारत की बल्लेबाज़ी बहुत मजबूत है खासकर स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ़. हालांकि भारत के सामने भी एक परेशानी है. जहां भारत की बल्लेबाज़ी बहुत मजबूत है वहीं टीम की गेंदबाज़ी उसकी कमज़ोर कड़ी है और खासकर प्रवीण कुमार के चोटिल होकर वर्ल्ड कप से बाहर होने के कारण टीम इंडिया की गेंदबाज़ी और कमज़ोर हो गई है. पहले मैच में टीम इंडिया की यह कमजोरी साफ़ देखी गई और इंग्लैंड के बल्लेबाज़ भारत की इस कमजोरी का फायदा उठाना ज़रुर चाहेंगे.
भारत और इंग्लैंड की क्रिकेट टीमों में सबसे बड़ा अंतर क्षेत्ररक्षण का है. भारत का क्षेत्ररक्षण हमेशा से खराब रहा है जबकि इंग्लैंड के खिलाड़ी हर मैच में कुछ न कुछ रन ज़रुर बचाते हैं और हार-जीत में क्षेत्ररक्षण काफ़ी अहम् हो सकता है.
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